23 November, 2024 (Saturday)

नए कृषि कानूनों को लेकर बढ़ा गतिरोध, छठे दौर की वार्ता टली, किसान नेताओं और अमित शाह के बीच बैठक रही बेनतीजा

नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बढ़ गया है और इसके चलते बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता टल गई है। भारत बंद के आयोजन के बाद और वार्ता से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गतिरोध तोड़ने के लिए मंगलवार शाम 13 किसान नेताओं के साथ बैठक की। इसमें किसान संगठन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन सरकार का कहना है कि कानूनों को रद करना संभव नहीं है, इनमें संशोधन किए जा सकते हैं। सरकार ये संशोधन प्रस्ताव बुधवार को सौंपेगी और इन पर चर्चा के बाद किसान संगठन अपने आगे के कदम पर फैसला करेंगे।

अमित शाह की 13 किसान नेताओं के साथ हुई वार्ता

पांच दौर की वार्ता के बावजूद कोई समाधान नहीं निकलने की वजह से गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार शाम 13 किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलावा भेजा था। किसान नेताओं को यह बैठक गृह मंत्री के आवास पर होने की उम्मीद थी, लेकिन यह पूसा इंस्टीट्यूट में हुई। बैठक शाम करीब आठ बजे शुरू हुई करीब तीन घंटे तक चली। बैठक में शामिल आठ किसान नेता पंजाब से और पांच विभिन्न देशव्यापी संगठनों से थे। सरकार ने जिन किसान नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, उनके नाम हैं- राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, हनन मुल्ला, शिव कुमार कक्का, बलवीर सिंह राजेवाल, जगजीत सिंह, रुलदू सिंह मानसा, मनजीत सिंह राय, बूटा सिंह बुर्जगिल, हरिंदर सिंह लख्खोवाल, दर्शन पाल, कुलवंत सिंह संधू और बोध सिंह मानसा।

किसान नेताओं की आज 12 बजे बैठक

आल इंडिया किसान सभा के नेता और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य हनन मुल्ला ने गृह मंत्री शाह के साथ बैठक के बाद बताया कि सरकार ने कानूनों में सिर्फ कुछ संशोधनों का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने दावा कि सरकार कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव लिखित में देने के लिए राजी हैं, लेकिन बैठक में मौजूद सभी 13 किसान संगठन कानूनों को रद करने से कम पर तैयार नहीं हैं। फिलहाल किसान अगले दौर की वार्ता में हिस्सा लेने के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। किसान संगठनों के नेताओं की बैठक बुधवार दोपहर 12 बजे सिंघु बार्डर पर होगी।

बढ़ गई थी समाधान की उम्मीद

गृह मंत्री शाह की ओर से किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाने से बुधवार को होने वाली छठे दौर की वार्ता में समाधान की उम्मीद बढ़ गई थी। इसकी वजह यह थी कि किसान संगठन कई बार मांग कर चुके थे कि कृषि कानूनों के मसले पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बात करनी चाहिए। जबकि सरकार की ओर से अभी तक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य व रेल मंत्री पीयूष गोयल किसानों से बात करते रहे हैं।

मुलाकात से पूर्व ही दे दिए थे संकेत

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 13 दिनों से डटे किसान नेताओं ने गृह मंत्री से मुलाकात से पूर्व ही सिंघु बार्डर पर प्रेसवार्ता कर अपनी जिद में नरमी नहीं आने के संकेत दे दिए थे। किसान नेता रुलदू सिंह मानसा का कहना था, ‘विवादित कानूनों को रद करने के अलावा बीच के किसी रास्ते पर बातचीत नहीं होगी। हमें तो अमित शाह से सिर्फ ‘हां या ना’ में ही जवाब चाहिए।’

कई संगठन कानूनों को बता रहे किसान हितैषी

एक तरफ आंदोलनकारी किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हैं, तो दूसरी तरफ सरकार के पास कई संगठनों की ओर से कानूनों को किसान हित में बताकर जारी रखने की अपील की जाने लगी है। सरकार इसी के सहारे आंदोलनकारी किसानों को राजी करने की कोशिश कर रही है।

तोमर से मिलकर मनोहर लाल ने किया विचार-विमर्श

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर किसानों के आंदोलन से जुड़े मसलों पर राय मशविरा किया। उन्होंने राज्य के किसान संगठनों और किसान उत्पादक संघों की राय के बारे में भी जानकारी दी। मनोहर ने कहा, ‘भाजपा ने जब भी किसान हित के काम किए हैं, विपक्ष ने अलग राग अलापा है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *