जानिए अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन के अलावा कितनों की है राष्ट्रपति बनने की तमन्ना



अगले माह 3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे यहां का चुनाव नई उठापटक के साथ रोचक होता जा रहा है। ऐसा नहीं है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के ही उम्मीदवार मैदान में है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए 9 अक्टूबर तक कुल 1216 प्रत्याशी मैदान में थे। इन सभी ने राष्ट्रपति पद के लिए फेडरल इलेक्शन कमीशन के यहां अपने पर्चे दाखिल कर रखे हैं, कई तो अपने प्रचार में अब तक लाखों रूपये खर्च भी कर चुके हैं। आमतौर पर हम अपने देश में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में डमी प्रत्याशियों के बारे में सुनते आए हैं मगर अमेरिका के चुनाव में डमी नहीं बल्कि सच में हजारों की संख्या में प्रत्याशी मैदान में है।
लगभग हर वर्ग के लोग मैदान में
वैसे तो अमेरिका में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी का ही बोलबाला रहता है। इन्हीं दोनों दलों के प्रत्याशियों को अमेरिकी जनता खास तवज्जो देती है। चुनावों के वक्त पूरी मीडिया कवरेज और कैंपेन डोनेशनों पर इन दोनों पार्टियों का दबदबा रहता है। इस वजह से किसी बाहरी शख्स के जीतने के आसार नामुमकिन हो जाते हैं, मगर इस बार के चुनाव में यहां हजारों प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं।
इनमें कोई मोटीवेशनल स्पीकर है, कोई बिजनेसमैन तो कोई आईटी फील्ड से जुड़ा हुआ है, ये सभी अपने को प्रेसीडेंट पद का उम्मीदवार बनाए हुए हैं। यदि प्रत्याशियों की संख्या को देखते हुए कहा जाए कि इस बार शायद ही किसी फील्ड का आदमी चुनाव में न खड़ा हो तो ये गलत होगा। एक खास बात और है कि अमेरिका में अब तक एकमात्र जॉर्ज वाशिंगटन ही ऐसे नेता थे जो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुने गए थे। उसके बाद अब तक दुबारा से ऐसा मौका नहीं आया है। हर बार चुनाव हो रहा है और जनता ही उनको चुन रही है।
इनको कैसे मिल पाता है वोट
जब इतनी अधिक संख्या में प्रत्याशी मैदान में होंगे तो इनके नाम ईवीएम या किसी भी मशीन में आने संभव नहीं है। इस वजह से ऐसे प्रत्याशियों के सामने एक और बड़ा संकट ये होता है कि वो अपने लिए वोट कैसे मांगे। साथ ही कैसे लोगों से वोट हासिल कर पाएं। जो समर्थक डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी को वोट देना चाहते हैं वो तो मशीन के माध्यम से वोट दे देते हैं मगर जो इसके अलग प्रत्याशी को वोट देना चाहते हैं उनको अपने पसंद के उम्मीदवार का नाम लिखकर अलग से पर्ची डालनी पड़ती है उसके बाद ही उसका वोट माना जाता है।
राइट इन कैंडिडेट के तौर पर मिलता है वोट
अमेरिका में 50 राज्य हैं। जानकारी के अनुसार यहां जो लोग राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करते हैं उनके स्थायी पते वाले बूथ पर तो उनके नाम मतपत्र में लिखा होता है मगर बाकी राज्यों में उनको राइट इन कैंडिडेट के तौर पर वोट मिल पाता है। राइट इन कैंडिडेट का मतलब ये होता है कि उन बाकी राज्यों में यदि कोई वोटर उनका नाम लिखकर देता है तो ही उसका वोट गिना जाता है अन्यथा नहीं। मगर ध्यान देने वाली बात ये है कि इतनी विपरीत परिस्थितियों के बाद भी हजारों की संख्या में लोग अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी करते हैं।