चेन्नई सुपर किंग्स की लाज बचाने वाले रितुराज गायकवाड़ के कोच ने बताया कैसे वो बने ओपनर
चेन्नई सुपर किंग्स के सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ ने अपने प्रदर्शन से सभी क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों का दिल जीत लिया। महाराष्ट्र के इस खिलाड़ी की तारीफ उनकी टीम सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने भी की। उन्होंने लगातार तीन पारियों में अर्धशतक लगाकर तीन मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल किए। रुतुराज की सफलता के पीछे सात साल पहले मिली उस सलाह का बड़ा हाथ है जो उन्हें उनके कोच संदीप चव्हाण ने दी थी।
रुतुराज के कोच संदीप चव्हाण ने कहा कि उन्होंने सात साल पहले इस युवा खिलाड़ी को पारी का आगाज करने की सलाह दी थी।रुतुराज के कोच संदीप ने कहा कि वह वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी में हमारे प्रशिक्षु थे। मुझे लगता है तब वह 16 साल के थे और जूनियर स्तर पर महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते थे।
उन्होंने कहा, मुझे याद है कि मैंने रुतुराज से क्लब मैच में पारी का आगाज करने की सलाह दी और कहा कि इससे उन्हें भविष्य में फायदा होगा।चव्हाण ने कहा, वह 16 साल के थे और स्थानीय टूर्नामेंट (मांडके ट्रॉफी) के सीनियर स्तर के मैच में उन्होंने पारी का आगाज करते हुए 100 और 90 रन बनाकर मेरे फैसले को सही साबित किया।
उन्होंने कहा, राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए शुरुआत में सलामी बल्लेबाज के तौर पर उन्हें कुछ परेशानी हुई लेकिन वह इसमें ढल गए और अब विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज है। चव्हाण ने कहा कि रुतुराज 2008-09 में 12 साल की उम्र में इस अकादमी में शामिल हुए और उन्हें तभी पता चल गया था कि उनमें एक विशेष प्रतिभा है।
कोच संदीप चव्हाण ने आगे कहा, शुरुआत में उनके साथ तकनीक की समस्या थी लेकिन उन्होंने अंडर-14 की जगह अंडर-19 में खेलना शुरू किया और इससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा।