चीन से तनाव के बीच भारत-अमेरिका की अहम बैठक, LAC के हालात समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Michael Pompeo) और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर (Mark Esper) आज टू-प्लस-टू वार्ता (India-US 2+2 Dialogue) के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच चीन से लेकर कोरोना वैक्सीन समेत कई अहम मुद्दों पर बात होगी। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
माइकल पोंपियो और मार्क एस्पर मंगलवार को भारत-अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू वार्ता के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेंगे। अमेरिका में चुनाव से महज एक हफ्ते पहले ट्रंप के दो शीर्ष मंत्रियों की यह वार्ता बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वार्ता में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार भी शामिल है।
पीएम मोदी से भी करेंगे मुलाकात
वार्ता के साथ ही पोंपियो और एस्पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर को सोमवार की दोपहर रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में सलामी गारद पेश किया जाएगा।
बेका को अंतिम रूप
दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) को भी अंतिम रूप देंगे। बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान करना शामिल है। इस समझौते से भारत को अमेरिका की ओर से सटीक जियोस्पेशियल डेटा मिलेगा, जिसका इस्तेमाल मिलिट्री ऑपरेशंस में काफी कारगर साबित होगा।
क्या है टू प्लस टू वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच यह तीसरे चरण की वार्ता है। टू प्लस टू के तहत दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के बीच अहम मुद्दों पर वार्ता होती है। अमेरिकी की तरफ से विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्कटी एस्पर इस वार्ता में शामिल होंगे। वहीं, भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर वार्ता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
भागीदारों से जुड़ने का अवसर: पोंपियो
विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की मेरी यात्रा शुरू हुई। स्वतंत्र, मजबूत और समृद्ध राष्ट्रों से बने मुक्त और खुले भारत प्रशांत के लिए साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के खातिर हमारे भागीदारों से जुड़ने के अवसर के लिए आभारी हूं।’