01 April, 2025 (Tuesday)

कौन है वह शख्‍स, ज‍िसने 32 सीटों पर कांग्रेस-BJP का नहीं खुलने दिया खाता

गंगटोक: सिक्किम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए. सीएम प्रेम सिंह तमांग की पार्टी एसकेएम यानी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने एकतरफा जीत हासिल की है. सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर जीत दर्ज करके एसकेएम लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सत्ता बरकरार रखी. हैरानी की बात यह है सिक्किम विधानसभा में कांग्रेस तो कांग्रेस, भाजपा का भी खाता नहीं खुला. एसकेएम अध्यक्ष और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का ऐसा जादू चला कि भाजपा और कांग्रेस एक अदद सीट के लिए मुंह ताकती रह गई.

दरअसल, भाजपा सिक्किम विधानसभा चुनाव में 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जबकि 2019 तक लगातार 25 साल राज्य पर शासन करने वाला सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) महज एक सीट जीत पाया. दिलचस्प बात यह है कि एसडीएफ चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग दोनों सीट पर हार गए. वहीं, एसकेएम चीफ और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग भी दो सीट पर चुनाव लड़े थे. दोनों सीटों पर उन्होंने जीत हासिल कर ली. प्रेम सिंह तमांग दशकों तक चामलिंग की पार्टी से विधायक रहे हैं.

तमांग का जादू

चुनावी विश्लेषकों की मानें तो सिक्किम में प्रेम सिंह तमांग का ही जादू था कि भाजपा और कांग्रेस की झोली खाली रह गई. एसकेएम से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ना भाजपा के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ. सिक्किम में पहले भाजपा और एसकेएम के बीच गठबंधन था. मगर चुनाव में दोनों ने अलग-अलग अपनी किस्मत आजमाई. इसके बाद प्रेम सिंह तमांग ने एसकेएम को एकतरफा जीत दिलवा दी. इस जीत के लिए राजनीतिक जानकारी उन्हें ही क्रेडिट दे रहे हैं. एक वक्त प्रेम सिंह तमांग पवन कुमार चामलिंग की पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्य थे. मगर साल 2009 में सीएम तमांग ने अपनी राह अलग कर ली. उसके बाद 2013 में उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाई- एसकेएम यानी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा.

जेल की सजा काट चुके हैं तमांग
एसडीएफ छोड़ने के 15 साल बाद ही प्रेम सिंह तमांग ने चामलिंग की पार्टी को एक तरह से जमीन पर पटक दिया. उन्होंने राज्य की 32 में से 31 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया. इससे पहले केवल दो बार 1989 और 2009 में सिक्किम संग्राम परिषद और एसडीएफ ने इतनी शानदार जीत दर्ज की थी. 56 साल के तमांग को एक योग्य संगठनकर्ता, प्रशासक और तेजतर्रार राजनीतिज्ञ माना जाता है. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की इस प्रचंड जीत में उनका व्यक्तिगत करिश्मा तो है ही. साथ ही उन्होंने विकास और कल्याणकारी कदमों के दम पर अपनी पार्टी की सीटों और वोट शेयर में भारी इजाफा कराया. हालांकि, यहां तक पहुंचने में प्रेम सिंह तमांग को कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ा है. वह जेल भी जा चुके हैं. वह करप्शन के केस में एक साल की सजा भी काट चुके हैं.

चामलिंग को किया सत्ता से बेदखल
2017 में जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी को फिर से जिंदा किया और कार्यकर्ताओं में जोश भरा. इसका ही नतीजा रहा कि 2019 के चुनाव में उनकी पार्टी ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की. 2019 में ही तमांग को नेशनल लेवल पर एक अलग पहचान मिली थी, जब उन्होंने एसडीएफ को मात दी थी. उन्होंने करीब 25 साल तक सीएम पद पर रहने वाले पवन कुमार चामलिंग को सत्ता की कुर्सी से हटाया था. राजनीति में आने से पहले प्रेम सिंह तमांग एक शिक्षक थे. उन्होंने उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ा की है. उन्होंने ही सिक्किम को देश का पहला ऑर्गेनिक स्टेट बनाया. उन्होंने अपनी रानजीतिक करियर की शुरुआत चामलिंग की पार्टी एसडीएफ से की थी. चामलिंग की पार्टी से वह चार बार विधायक रहे. 2013 में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी. उन्हें ‘आम आदमी का सीएम’ भी कहा जाता है.

जीत के बाद तमांग ने क्या कहा?
सिक्किम में शानदार जीत के बाद सीएम तमांग ने कहा कि हम सिक्किम के विकास और समृद्धि की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अपने राज्य की बेहतरी और अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपके साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. आपका अटूट समर्थन हमारे लिए एक प्रेरक शक्ति रहा है और हम आपके निरंतर मार्गदर्शन और आशीर्वाद की आशा करते हैं. बता दें कि प्रेम सिंह तमांग की पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा यानी एसकेएम को इस विधानसभा चुनाव में 58.38 प्रतिशत वोट मिले हैं. एसकेएम ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 17 सीट जीती थीं. सिक्किम में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था.

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