01 November, 2024 (Friday)

आटे दाल का भाव रुलाता रहेगा, पाकिस्तान ने झोली फैलाई पर IMF वालों ने चवन्नी तक नहीं डाला, जानिए क्यों?

इस्‍लामाबाद. महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्‍तान की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं. पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जिस अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने झोली फैलाई थी, उसने एक पैसा भी देने से इनकार कर दिया. हद तो तब हो गई, जब पाकिस्‍तान मदद मांगता रहा और IMF की टीम बोरिया-बिस्‍तर समेट कर चलती बनी. IMF ने बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्‍तान के समक्ष कुछ शर्तें रखी हैं, जिसको पूरा नहीं किया गया. आर्थिक सुधारों की छानबीन करने के बाद IMF की टीम वापस वॉशिंगटन लौट गई. टीम ने लौटने से पहले पाकिस्‍तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्‍ड ब्‍लोम से मुलाकात की.

IMF की टीम 10 मई को पाकिस्‍तान पहुंची थी. नए बेलआउट पैकेज को लेकर दोनों पक्षों के बीच स्‍टाफ लेवल के करार पर हस्‍ताक्षर होना था, लेकिन खस्‍ता आर्थिक स्थिति और शर्तों को पूरा न करने के चलते ऐसा नहीं हो सका. IMF की टीम ने कहा कि आर्थिक मदद हासिल करने के लिए जो शर्तें रखी गई थीं, उसकी प्रगति की समीक्षा करने के बाद ही नए बेलआउट पैकेज पर चर्चा और विचार किया जाएगा. IMF ने बताया कि शर्त पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के बाद ही डील पर साइन किया जाएगा. IMF ने पाकिस्‍तान को ऐसे समय में झटका दिया है, जब महंगाई सिर चढ़कर बोल रहा है. आटा-चावल से लेकर रसोई गैस तक आमलोगों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं. पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर के साथ ही देश के अन्‍य हिस्‍सों में महंगाई के विरोध में और सरकार के निकम्‍मेपन को लेकर लोग हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पाकिस्‍तान के सामने ये 6 शर्त

    • रेवेन्‍यू जेनरेशन के लिए टैक्‍स प्रणाली में सुधार.
    • सामाजिक सुरक्षा और जलवायु सुधार के लिए नीति.
    • ऊर्जा क्षेत्र में सुधार ताकि कीमतों को कम किया जा सके.
    • महंगाई पर काबू के लिए मौद्रिक और एक्‍सचेंज रेट पॉलिसी में सुधार.
    • सरकारी कंपनियों में स्‍ट्रक्‍चरल सुधार और निजिकरण को बढ़ावा.
    • सरकारी कामकाज में सुधार और सबको समान अवसर प्रदान करना.

गिड़गिड़ाते रह गए पीएम शहबाज शरीफ
पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ IMF के सामने गिड़गिड़ाते रह गए कि उनकी सरकार संगठन की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा कर लेगी, लेकिन टीम ने उनकी एक न सुनी. पाकिस्‍तान को उम्‍मीद थी कि IMF टीम की इस बार के दौरे के दौरान स्‍टाफ लेवल समझौते पर दस्‍तखत हो जाएंगे. सहमति बनने के बाद ही बेलआउट पैकेज जारी किया जाएगा. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और एक-एक पैसे के लिए मोहताज पाकिस्‍तान मुंह ताकता रह गया. IMF ने कहा कि पाकिस्‍तान संसद द्वारा बजट को मंजूरी मिलने के बाद वह तय करेगा कि इस्‍लामाबाद के लिए नया बेलआउट पैकेज जारी किया जाए या नहीं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो IMF की टीम बजट तैयारियों और आर्थिक सुधारों में हुई प्रगति का जायजा लेने आई थी

IMF ने रखी हैं कड़ी शर्तें
गंभीर आर्थिक संकट और कुप्रबंधन झेल रहे पाकिस्‍तान को तत्‍काल आर्थिक मदद की जरूरत है. विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सिमटता जा रहा है, जिससे नए तरह की संकट का सामना करना पड़ सकता है. IMF ने ऊर्जा के साथ ही मौद्रिक और कर संबंधी नीतियों में व्‍यापक सुधार करने को कहा है. इसके अलावा सरकारी कंपनियों के प्रबंधन और निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए और निर्णायक कदम उठाने को भी कहा गया है.

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