01 April, 2025 (Tuesday)

अयोध्या हनुमानगढ़ी में उमड़ा आस्था का सैलाब, 2 KM तक लगी है लंबी लाइन

अयोध्या: सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व होता है. आज ज्येष्ठ माह का तीसरा मंगलवार है और आज के दिन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में भोर से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. सरयू में स्नान करने के बाद श्रद्धालु पवन पुत्र हनुमान का आशीर्वाद लेने के लिए लगभग 2 किलोमीटर लाइनों में लगकर कतारवद्ध होकर जय श्री राम और पवन पुत्र हनुमान के जय घोष के साथ हनुमानगढ़ी में विराजमान पवन पुत्र के दर्शन पूजन कर रहे हैं. ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगलवार के दिन लाखों की संख्या में सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में हनुमान भक्त पहुंचे हैं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक ज्येष्ठ माह में पढ़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है और इस दिन विधि विधान पूर्वक पवन पुत्र हनुमान की पूजा आराधना की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन ऐसा करने से जीवन में चल नही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

भगवान राम की नगरी में ज्येष्ठ के तीसरे मंगल के अवसर पर श्रद्धालुओं का बड़ा सैलाब उमड़ पड़ा है. जिसको लेकर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं. हनुमानगढ़ी के बाहर अस्थायी छाव की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन के लिए बैरिकेड लगाए गए हैं. कम संख्या में श्रद्धालुओं को हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए छोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही ज्येष्ठ माह के मंगल पर हनुमान जी के दर्शन को लेकर आसपास के जनपद के साथ रामनगरी पहुंचने वाले श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में ज्येष्ठ माह के तीसरे मंगल को लेकर प्रशासन ने हनुमानगढ़ी समेत राम जन्मभूमि पर विशेष व्यवस्थाएं कर रखी हैं. पूरे नगर में प्याऊ की व्यवस्था की गई है. चिलचिलाती गर्मी में श्रद्धालुओं को धूप से बचाने के लिए छाजन की व्यवस्था की गई है.

दूर दराज से अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालु प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर प्रफुल्लित नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं ने कहा कि दर्शन पूजन को लेकर की गई व्यवस्थाएं बेहतर हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन को श्रद्धालुओं ने धन्यवाद दिया है. ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल की धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के मंगल को भगवान राम की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी. ज्येष्ठ माह के मंगल के दर्शन पूजन, दान पुण्य का विशेष महत्व है और यह प्रथा अति प्राचीन है. रामनगरी में जगह-जगह प्याऊ भंडारे का भी आयोजन ज्येष्ठ माह के मंगल पर किया गया है.

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