रामलीला का मंचन सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि सनातन को जानने का माध्यम है- -जगदंबिका पाल
सिद्धार्थनगर रामलीला का मंचन सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि यह सनातन को जानने का माध्यम है।
सभी का दायित्व है कि इसके आयोजन में सहयोग के साथ ही भगवान श्रीराम के आदर्शों से सीख लेकर समाज की बेहतरी तय करें।
उक्त बातें क्षेत्रीय सांसद जगदंबिका पाल ने कही बढ़नी ब्लॉक के औदही कलां में आयोजित 4 दिन की ऐतिहासिक रामलीला की तीसरे दिन रामलीला पंडाल में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
रामलीला में पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष गोविन्द माधव ने कहा कि भगवान श्रीराम अपने जीवन काल के सभी रूपों में पूजनीय हैं।
रामलीला हमारे समाज को एक सकारात्मक व संगठनात्मक विचाराधारा के लिए प्रेरित करती है।
रामलीला में पहुंचे सपा के पूर्व प्रत्याशी उग्रसेन सिंह ने कहा कि हमारा आधार तभी मजबूत होगा जब अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी होगी।
रामायण सनातन धर्म की आधारशिला है।इसके अध्ययन से हमें न सिर्फ अपने जीवन की कठिनाइयों से निपटने में मदद मिलती है बल्कि समाज को एक नई दिशा देने की सीख भी।
उन्होंने रामलीला आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सराहनीय कार्यों के माध्यम से ही हम समाज के युवाओं को एक नई दिशा दे सकते हैं।
इसके बाद श्री रामलीला समिति के कलाकारों के द्वारा दर्शकों के समक्ष सीता-हरण,सबरी-राम संवाद,राम-सुग्रीव मित्रता,अक्षय कुमार वध,मेघनाथ वध,कुंभकरण वध और रावण वध तक के प्रसंग को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया।
भगवान श्री रामचंद्र जी के द्वारा रावण का वध करने के उपरांत पूरा रामलीला पांडाल जय श्री राम के नारों से गूंज उठा।
इस दौरान समिति के अध्यक्ष गंगाराम तिवारी, भाजपा जिला महामंत्री विपिन सिंह,अनिल अग्रहरि,रवि शुक्ल,शिवम तिवारी,शहंशाह आलम,रविकांत प्रजापति, कौशल गुप्ता,श्रवण तिवारी,विजय गुप्ता, संदीप वरुण,अतीकुर्रहमान,विनय शुक्ल,रमेश गुप्ता, रामकुमार गुप्ता,रामनरेश गौड़,विष्णु गुप्ता,सुमेरु गिरि आदि लोग मौजूद थे।