सीएम योगी ने कोविड-19 व डेंगू के उपचार के लिए एफेरेसिस फैसिलिटी व बीएसएल लैब का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राजकीय और निजी मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 व डेंगू के उपचार के लिए एफेरेसिस फैसिलिटी का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। उन्होंने कोरोना की बायो सेफ्टी लेवल (बीएसएल) थ्री व टू की आठ नई लैब का भी लोकार्पण किया। राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज में बीएसएल थ्री की लैब स्थापित की जा रही है। इस दौरान सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना और डेंगू की जांच और उपचार की सुविधा की समीक्षा भी की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे कोरोना महामारी के दौर में न केवल आवश्यकताओं का सामना करने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य के किसी भी स्वास्थ्य संकट के लिए हमें तैयार करेगा। अब कोविड-19 का खतरा खत्म होने के करीब है। हमारे सभी वैज्ञानिक पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कोरना वैक्सीन विकसित करने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रहे हैं। फिर भी, टीका विकसित होने तक हमें सचेत रहना होगा। क्योंकि फिलहाल कोरोना से बचाव ही उपचार है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले आठ महीनों से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। उत्तर प्रदेश में सभी ने बेहतरी प्रदर्शन करते हुए इस चुनौती का धैर्य के साथ मुकाबला किया और बेहरीन मिसाल पेश की है। इसी का परिणाम है कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी उत्तर प्रदेश में कोविड मैनेजमेंट की प्रशंसा की है। यह सब केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से संभव हो सका है। यह टीम वर्क का ही परिणाम है कि आज हम प्रदेश में करीब पौने दो लाख कोरोना टेस्ट करने की क्षमता विकसित कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इनसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी को नियंत्रित करने में हमे सफलता मिली है। कभी वहां प्रति वर्ष इस बीमारी से लगभग पंद्रह सौ बच्चों की मौत होती थी। वर्ष 1977 से लेकर 2017 तक यह सिलसिला लगातार चलता रहा। आश्चर्य की बात है कि 70 वर्षों में किसी के कानों में यह आवाज नहीं पहुंची, लेकिन टीम वर्क का परिणाम है कि अब 21 मौतें हुई हैं। अगली बार ये मौते भी न हों, इसकी भी समीक्षा की जा रही है।