लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल पर पीआईबी ने किया बेबीनार का आयोजन
पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार, लखनऊ की ओर से आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया । बेबीनार में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल तथा मेघालय के पूर्व राज्यपाल श्री तथागत राय के अलावा राजीव गांधी विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा और जाने-माने पत्रकार डॉ वेद प्रताप वैदिक ने हिस्सा लिया। वेबीनार में उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय से बड़ी संख्या में प्राध्यापक, छात्र और पत्रकार शामिल हुए ।श्रीमती आनंदीबेन पटेल सरदार वल्लभभाई पटेल की चर्चा करते हुए कहा कि जब हम सरदार पटेल की चर्चा करते हैं तो हम भारत के एक ऐसे स्वरूप की चर्चा करते हैं जो एक है अखंड है और सतत विकास शील है श्रीमती पटेल ने कहा कि सरदार पटेल इच्छाशक्ति के धनी थे । उन्होंने देश की एकता और अखंडता को मूर्त रूप प्रदान किया । सरदार पटेल ने 561 देसी रियासतों को भारत में मिलाया और तीन रियासते ऐसी थी । जूनागढ़ रियासत और हैदराबाद जिसको कि उन्होंने पुलिस कार्रवाई से अपने साथ जोड़ा । जम्मू कश्मीर का मामला पंडित जवाहरलाल नेहरू देख रहे थे , इसलिए सरदार वल्लभ भाई पटेल का उसमें ज्यादा हस्तक्षेप नहीं था । श्रीमती पटेल ने कहा कि सरदार पटेल के सपनों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज पूरा कर रहे हैं जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे से खारिज करना ,सरदार पटेल का बहुत बड़ा सपना था जिसे पूरा किया गया । कोविड-19 एक बड़ी चुनौती थी जिसको लेकर के प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल के मार्गदर्शन पर कार्य किया। सर्वहारा वर्ग के लिए सरकार के द्वारा विशेष रूप से आर्थिक पैकेज प्रदान किए गए । प्रधानमंत्री ग्रामीण पीएमजीकेवाई के तहत जो आर्थिक मदद प्रदान की गई और गरीब तबके के लोगों को मुफ्त खाद्यान्न। मेघालय के राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि देश को एकजुट करने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह सरदार वल्लभभाई पटेल । उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने बारदोली सत्याग्रह को अंजाम तक पहुंचाया था यह एक बहुत बड़ा आंदोलन था और महात्मा गांधी ने इस आंदोलन मे कहा था कि बारदोली आंदोलन देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त करेंगे । राजीव गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति कुशवाहा ने कहा कि सरकार ने सरदार पटेल के सपनों के भारत को बनाने के लिए कार्य किया है उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत एक राष्ट्र, एक कर और कश्मीर से धारा 370 हटाना यह वही चीजें हैं जिन्हें सरदार पटेल करना चाहते थे । कुशवाहा ने कहा कि पटेल दूरदर्शी थे और उन्होंने यह बात अपने समय काल में सोची थी । वर्षों के बाद वह उस पर अमल किया जा रहा है, जाने-माने पत्रकार और भाषा के पूर्व संपादक वेद प्रताप वैदिक ने सरदार पटेल को देश का सर्वोच्च नेता बताते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल के हाथ में प्रशासन होता , अगर सरदार पटेल पूर्ण एकमात्र नेता होते तो भारत का नक्शा आज कुछ और होता । उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि इस बात का संकल्प करना है कि हम उनके आदर्शों को अमल में लाने और उनके आदर्शों के अनुरूप एक अखंड भारत के स्वरूप को साकार किया । डॉ वैदिक ने कहा कि दक्षिण एशिया के देशों को एक करना ,एक ताजा संसद बनाना, एक साझा बाजार बनाना यह सरदार पटेल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है । पत्र सूचना कार्यालय के महानिदेशक श्री आर पी सरोज ने अतिथियों का स्वागत किया और विषय की स्थापना की । श्री सरोज ने कहा कि एक भारत , श्रेष्ठ भारत को अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के प्रदेशों के साथ जोड़ा गया है । और कहा कि आज पीआईबी लखनऊ के द्वारा जो वेबीनार कराई जा रही है वह इसी क्रम में पहले भी कराई जाती रही है। उपनिदेशक डॉ श्रीकांत श्रीवास्तव ने सरदार पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला । राजीव गांधी विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के प्रति कुलपति ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।