नीतीश कुमार को ये 3 अहम मंत्रालय ही क्यों चाहिए?
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब मनचाहे मंत्रालय हासिल करने को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स का गेम चल रहा है. एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल अब केंद्र में बड़े मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू की डिमांड सबसे बड़ी है. सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार ने मोदी सरकार में तीन मंत्रालय मांगे हैं, वो भी बेहद अहम. हालांकि ये जेडीयू का ख्वाहिश है, उसके खाते में कौन सा मंत्रालय आएगा, ये एनडीए तय करेगा.
जेडीयू के सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार को तीन मंत्रालय चाहिए. चार सांसद पर एक मंत्रालय के फार्मूले पर जेडीयू अपने हिस्से में तीन मंत्रालय चाहती है. चूंकि पार्टी के 12 सांसद है, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है.
अब बात करें कि नीतीश कुमार कौन से मंत्रालय चाह रहे हैं तो सूत्रों के अनुसार ये हैं रेल , कृषि और फाइनेंस मिनिस्ट्री. नीतीश की प्रायोरिटी में रेल मंत्रालय है.
उन्हें रेल मंत्रालय इसलिए चाहिए, क्योंकि नीतीश कुमार रेल मंत्री पहले भी रह चुके हैं और रेल मंत्रालय एक ऐसा विभाग है, जिसमें सबसे अधिक जनता से सरोकार होता है. इस मंत्रालय में ज्यादा से ज्यादा लोगों से कनेक्ट किया जा सकता है.
इसके अलावा वित्त मंत्रालय जेडीयू इसलिए चाहती है, ताकि वित्त के कानून में परिवर्तन कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या बिहार को विशेष पैकेज देकर बिहार का तेजी से विकास किया जा सके. वित्त मंत्रालय भी इसलिए जेडीयू चाहती है कि 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है और केंद्र से राज्य में पैसा पंप होगा तो विकास कार्य जो होगा, उससे लोगों मे बड़ा मैसेज जाएगा.
तीसरी मिनिस्ट्री की बात करें तो नीतीश कृषि मंत्रालय भी इसलिए चाहते हैं, क्योंकि वह पहले भी कृषि मंत्री रह चुके हैं और जब वह बिहार के मुख्यमंत्री बने तो किसानों के लिए कई काम किए, जिसमें किसानों को पानी की दिक्कत न हो. इसके लिए एग्रीकल्चर फीडर डेडिकेटेड लाइन उन्होंने दी और वे किसानों के लिए कई काम करना चाहते हैं.
उधर, बिहार से ही एनडीए सरकार में शामिल चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को एक एक मंत्रालय मिल सकता है. इन दोनों नेताओं के तरफ से किसी मंत्रालय का अब तक डिमांड नहीं हुई है, लेकिन जब मंत्रालय बटवारे को लेकर बात होगी, तब चिराग पासवान ओर जीतन राम मांझी भी अपनी मांगे रखेंगे.