22 November, 2024 (Friday)

अब इजरायल ने स्‍कूल पर बरसाए बम, 14 मासूमों समेत 30 फ‍ल‍िस्‍तीनियों की मौत

देर अल-बला (गाजा पट्टी): गाजा के स्कूल पर इजराइली हमले में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई जिनमें से 14 बच्चे थे. इजरायल का कहना है कि इस स्कूल पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि इस स्कूल में अदर से हमास आतंकवादी गतिविधियां चला रहा था. इस हमले में छोटे बच्चे और महिलाओं की भी मौत हो गईं. कई तस्वीरें सोशल मी्डिया पर इस दर्दनाक मंजर की तस्वीर बयां कर रही हैं,

प्लास्टिक की थैलियों में लिपटे शवों की तस्वीरें वायरल… 

सोशल मीडिया में जो तस्वीरें दिखाई दे रही हैं उसमें देखा जा रहा कि अस्पताल के आंगन में कंबल या प्लास्टिक की थैलियों में लिपटे शवों को कतारों में रखा गया है. अस्पताल के पास शरण लिए हुए एक विस्थापित फलस्तीनी मोहम्मद अल-करीम ने कहा कि उसने लोगों को शवों के बीच अपने प्रियजनों को तलाशते हुए देखा है. एक महिला चिकित्साकर्मियों से शवों का चेहरा दिखाने की गुहार लगा रही थी क्योंकि हमले के बाद से उसका बेटा लापता है.

इजरायली सेना का दावा- स्कूल के अंदर हमस था

मध्य गाजा में एक स्कूल पर बृहस्पतिवार को तड़के इजराइल ने हमला कर दिया. इसमें 14 बच्चों और नौ महिलाओं सहित 30 से अधिक लोग मारे गए. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी. फलस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों में विस्थापितों ने शरण ले रखी थी जबकि इजराइली सेना का दावा है कि हमास के आतंकवादी स्कूल से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे.

अस्पताल के रिकॉर्ड और अस्पताल में एसोसिएटेड प्रेस के एक रिपोर्टर ने बताया कि इस हमले में कम से कम 33 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 14 बच्चे और नौ महिलाएं शामिल हैं. रिकॉर्ड के अनुसार, रात में एक घर पर हुए हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी. दोनों हमले नुसेरात में हुए, जो गाजा में बने कई शरणार्थी शिविरों में से एक है. इजराइली सैनिकों ने गाजा पट्टी के इस हिस्से में बार-बार वापसी की है और वे पहले भी यहां पर हमले पर कर चुके हैं.

चश्मदीदों और अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अल-सरदी स्कूल पर तड़के हमला किया गया. इस स्कूल का संचालन फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी करती है जिसे यूएनआरडब्ल्यूए के नाम से जाना जाता है. गाजा शहर से विस्थापित होने के बाद स्कूल में शरण लिए अयमान रशीद ने बताया कि मिसाइलों ने दूसरी और तीसरी मंजिल पर मौजूद कक्षाओं को निशाना बनाया, जहां परिवार शरण लिए हुए थे.

उन्होंने बताया कि पांच लोगों के शव को बाहर निकालने में उन्होंने मदद की है जिनमें एक बुजुर्ग व्यक्ति और दो बच्चे शामिल थे. घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं जिनमें दिखाई दे रहा है कि अस्पताल के फर्श पर कई घायल लोगों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल के अधिकांश हिस्से में बिजली गुल है क्योंकि जनरेटर के लिए ईंधन की आपूर्ति सीमित मात्रा में हो रही है.

इजराइली सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने फलस्तीनियों को सहायता प्रदान करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा संचालित स्कूल पर हमला किया. इजराइली सेना ने दावा किया कि ‘हमास’ और ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठनों ने अपनी गतिविधियों के लिए स्कूल का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया. हालांकि, सेना ने तत्काल इसका कोई सबूत पेश नहीं किया.

23 लाख से अधिक फलस्तीनी हो चुके हैं विस्थापित

गाजा में ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ स्कूल युद्ध की शुरुआत से ही आश्रय के रूप में काम कर रहे हैं. इस युद्ध के कारण 23 लाख से अधिक फलस्तीनियों की अधिकांश आबादी विस्थापित हो गई है. इजराइली सेना ने दावा किया, हमले के दौरान निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचने के जोखिम को कम करने के लिए हमला करने से पहले कई कदम उठाए गए थे, जिनमें हवाई निगरानी करना और अतिरिक्त खुफिया जानकारी शामिल हैं.

1948 से कायम है नुसेरात शरणार्थी शिविर…

नुसेरात शरणार्थी शिविर गाजा पट्टी के मध्य में है. यह मध्य गाजा में बना एक फलस्तीनी शरणार्थी शिविर है जो 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के समय से है. युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले से हुई जिसमें कम से कम 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य लोगों को बंधक बनाया गया. गाजा पट्टी में इजराइली सैन्य अभियान में कम से कम 36,000 फलस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इजराइली कब्जे वाले ‘वेस्ट बैंक’ में अभियानों में सैकड़ों अन्य मारे गए हैं.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *