नई सरकार बनते ही RBI देगा तोहफा! मकान खरीदो या गाड़ी, हर जगह बचेगा पैसा
नई दिल्ली. जीएसटी कलेक्शन हो या विकास दर के आंकड़े अथवा महंगाई का डाटा, हर मोर्चे पर अभी राहत भरे संकेत दिख रहे हैं. ऐसे में यह कयास भी जोर पकड़ रहा है कि क्या नई सरकार बनने के बाद रिजर्व बैंक (RBI) भी आम आदमी को तोहफा देगा. एग्जिट पोल में मोदी सरकार की वापसी के संकेत मिलते ही शेयर बाजार की खुशी तो आप देख ही चुके हैं, तो क्या अब आरबीआई से भी इसी हफ्ते खुशखबरी आ सकती है. अगर ऐसा हुआ तो मकान से लेकर गाड़ी खरीदने वाले तक को राहत मिल सकती है.
दरअसल, 5 जून से आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक शुरू हो रही है और 7 जून को यह कमेटी रेपो रेट पर फैसला करेगी. रेपो रेट पर सबसे ज्यादा असर महंगाई का पड़ता है. अगर खुदरा महंगाई काबू में है तो रेपो रेट में कटौती की उम्मीद भी बढ़ जाती है. हालिया आंकड़े इस ओर इशारा भी कर रहे हैं कि रिजर्व बैंक शायद इस बार लोन धारकों को तोहफा दे सकता है.
क्यों लगाए जा रहे कयास
साल 2024 शुरू होने के साथ ही खुदरा महंगाई का आंकड़ा लगातार नीचे जा रहा है. अप्रैल में खुदरा महंगाई की वृद्धि दर 4.8 फीसदी रही, जो मार्च में 4.85 और जनवरी-फरवरी में 5.1 फीसदी थी. मौजूदा आंकड़ा 10 महीने में खुदरा महंगाई का सबसे कम आंकड़ा है. दिसंबर, 2023 में खुदरा महंगाई 5.7 फीसदी थी. रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई का दायरा 4 से 6 फीसदी के बीच रखा है. इसका मतलब है कि अगर खुदरा महंगाई की दर इसके बीच में रहती है तो रिजर्व बैंक को ज्यादा चिंता नहीं रहेगी.
आगे भी काबू में रहेगी महंगाई
खुदरा महंगाई के साथ कोर महंगाई की दर भी लगातार नीचे जा रही है. लिहाजा आने वाले समय में भी खुदरा महंगाई 6 फीसदी से नीचे ही रहेगी. चालू वित्तवर्ष यानी मार्च, 2025 तक खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी तक रहने का ही अनुमान है. जुलाई-सितंबर तिमाही में तो खुदरा महंगाई का आंकड़ा 3.8 फीसदी ही रहने का अनुमान है.
फिर भी ब्याज घटने की उम्मीद कम
रेपो रेट अभी 6.5 फीसदी है और आरबीआई ने फरवरी, 2023 के बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं किया है. ज्यादातर एक्सपर्ट का यही मानना है कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट से छेड़छाड़ नहीं करेगा. लाइवमिंट ने 10 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए एक पोल के आधार पर बताया कि ज्यादातर ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने की बात कही है. इसका मतलब हुआ कि आपके लोन पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ने वाला है. हालांकि, अक्टूबर की बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.