छोटा रनवे और बाहर 43 डिग्री तापमान , पायलट ने टेकऑफ़ करने से साफ़ कर दिया इनकार
भोपाल के बढ़े हुए तापमान की वजह से शुक्रवार शाम इंडिगो एयरलाइंस का एक एयरक्राफ्ट अपने निर्धारित समय पर उड़ान नहीं भर सका. इस एयरक्राफ्ट को भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट से शाम 5:50 बजे हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए रवाना होना था. एयरक्राफ्ट में सभी 72 यात्रियों की बोर्डिंग पूरी होने के कुछ देर बाद मुसाफिरों को सूचना दी गई कि बाहरी तापमान की वह से एयरक्राफ्ट अभी टेकऑफ नहीं कर सकता है.
एयरक्राफ्ट के कप्तान ने बताया कि “यह फ्लाइट डिले है, इंजन की परफार्मेंस की वजह से हमारी फ्लाइट डिले इसलिए है, क्योंकि बाहर का तापमान काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से इंजन की परफार्मेंस काफी हद तक रिस्ट्रिक्टेड हो जाती है, ऐसी स्थिति में, हम केवल एक एमाउंट का ही वेट ले जा सकते है.” ऐसे में सवाल यह है कि एयरक्राफ्ट इंजन परफार्मेंस और तापमान के बीच क्या कनेक्शन है? क्या इस तामपान में एयरक्राफ्ट्स का टेकऑफ मुश्किल हो जाएगा?
एक सीनियर पायलट ने बताया कि किसी भी फ्लाइट के टेकऑफ के लिए तीन कंपोनेंट आवश्यक होते हैं. पहला- एयरक्राफ्ट के इंजन की क्षमता, दूसरा – रन-वे की लंबाई और तीसरा- बाहरी टैंपरेटर. कोई भी पायलट इन्हीं तीनों कंपोनेंट के आधार पर यह निर्धारित करता है कि एयरक्राफ्ट का वेट, टेकऑफ के उचित है या नहीं. शुक्रवार शाम इंडिगो की फ्लाइट में देरी के लिए यही तीनों कंपोनेंट मुख्यरूप से जिम्मेदार थे.
भोपाल में टेकऑफ के लिए जिम्मेदार तीन प्रमुख कंपोनेंट
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को भोपाल एयरपोर्ट से इंडिगो का जो एयरक्राफ्ट टेकऑफ होने वाला था, वह एटीआर-72-600 था, जिसमें 2x PWC इंजन लगा हुआ है. यह एक छोटा इंजन और इसकी क्षमता बोइंग और एयरबस के बड़े एयरक्राफ्ट की तुलना में कम है. वहीं, भोपाल एयरपोर्ट के रन-वे की लंबाई महज 2744 मीटर है, जो दिल्ली एयरपोर्ट के रन-वे की तुलना में करीब 1656 मीटर छोटा है. वहीं एयरपोर्ट पर उस समय तापमान करीब 43 डिग्री के आसपास था.
फ्लाइट डिले के लिए किस तरह जिम्मेदार बने तीनों कंपोनेंट
सीनियर पायलट ने बताया कि कल शाम भोपाल एयरपोर्ट पर तापमान करीब 43 डिग्री था. इतने तापमान में, हवा का घनत्व कम होने लगता है. ऐसी स्थिति में, एयरक्राफ्ट को लिफ्ट करने के लिए विंग्स को अधिक पॉवर की जरूरत होती है. एयरक्राफ्ट को अधिक पॉवर तब मिलेगा, जब या तो एयरक्राफ्ट का इंजन अधिक शक्तिशाली हो, या फिर वह लंबी दूरी तक बेहद तेज गति में दौड़े. चूंकि भोपाल एयरपोर्ट का रन-वे महज 2744 मीटर का है, लिहाजा एयरक्राफ्ट का लंबी दूरी तक तेज गति से दौड़ना संभव नहीं था.
कैसे पता चलता है एयरक्राफ्ट का टेकऑफ के उचित तापमान
सीनियर पायलट ने बताया कि टेकऑफ के लिए उचित तापमान पता करने के लिए एयरक्राफ्ट में एग्जॉस्ट गैस टैंपरेचर (ईजीटी) सिंग्नल होते हैं. ईजीटी एयरक्राफ्ट के तत्कालीन वजन, इंजन की क्षमता, रन-वे की लंबाई और तापमान के आधार पर गणना करता है कि टेकऑफ किया जा सकता है या नहीं. उन्होंने बताया कि जब भी टेकऑफ के लिए पायलट इंजन ऑन करने की कोशिश करते हैं, ईटीजी सिग्नल इस बाबत अलर्ट कर देते हैं. ऐसी स्थित में, टेकऑफ को कुछ समय के लिए डिले कर दिया जाता है.
क्या इन परिस्थितयों के बावजूद टेकऑफ कर सकता है एयरक्राफ्ट
सीनियर पायलट ने बताया कि जब रन-वे छोटा हो, इंजन की क्षमता कम हो और बाहरी तापमान अधिक हो, ऐसी स्थित में पायलट के पास एक ही विकल्प बचता है कि विमान के वजन को कम कर दे. ऐसा तीन तरह से किया जा सकता है. पहला- यात्रियों को डिबोर्ड किया जाए, दूसरा- यात्रियों का सामान ऑफलोड कर कार्गो का लोड कम किया जाए, तीसरा- विमान का फ्यूल कम किया जाए. इन तीनों में विकल्पों से सबसे बेहतर विकल्प यही है कि कुछ देर इंतजार कर तापमान को कम होने दिया जाए. जिससे उस समय तो थोड़ी दिक्कत होगी, लेकिन आगे की बड़ी दिक्कतों से सभी बच जाएंगे.
शुक्रवार को इंडिगो के इस एयरक्राफ्ट ने भरी थी कुल 6 उड़ान
इंडिगो एयरलाइंस के एयरक्राफ्ट एटीआर-72-600 ने अपने सफर की शुरूआत शुक्रवार सुबह हैदराबाद से की थी. इसकी पहली उड़ान हैदराबाद से भोपाल (फ्लाइट नंबर 6E-7121) के बीच थी. इसके बाद, यह विमान भोपाल से इलाहाबाद (फ्लाइट नंबर 6E-7926) के लिए रवाना हुआ. इलाहाबाद से भोपाल (फ्लाइट नंबर 6E-7925) वापस आया और फिर रायपुर (फ्लाइट नंबर 6E-7302) चला गया. यहां से वापस भोपाल (फ्लाइट नंबर 6E-7371) वापस आया और करीब एक घंटे के विलंब से हैदराबाद (फ्लाइट नंबर 6E-7122) के लिए रवाना हो गया.