ये हैं देश के 5 दर्दनाक रेल हादसे, याद कर आज भी कांप जाती हैं रूह!



Kanchanjunga Express Train Accident: देश में हुए एक और जबरदस्त रेल हादसे ने पिछले सालों में हुए ऐसे भयावह ट्रेन एक्सिडेंट्स की याद दिला दी जिनका ख्याल मात्र से रूह कांप जाती है. सोमवार 17 जून को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मार दी. दुर्घटना घटना उस व पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मार दी क्त हुई घटी जब मालगाड़ी ने सिंगल तोड़ा. ठीक तभी ट्रैक पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को इस ट्रेन ने पीछे से टक्कर मार दी. कई बोगियां पटरी से उतर गईं और खबर लिखे जाने तक 15 लोगों की मौत का आंकड़ा और 60 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है.
ऐसे पांच रेल हादसे जिन्हें हम याद नहीं करना चाहते लेकिन ऐसे वक्त पर याद आ जाते हैं:
1 ओडिशा बालासोर रेल हादसा, जून 2023- ओडिशा के बालासोर में 2 जून को भीषण रेल हादसा हुआ था. हादसे के कारण 291 लोगों ने जानें गंवा दीं और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. मालूम हो कि हादसा बाहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ था. शाम के करीब 7 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिससे उसके ज्यादातर डिब्बे पटरी से उतर गए थे. उसी समय वहां से बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले डिब्बों पर पलट गए थे.
2 आंध्र प्रदेश विजयनगर ट्रेन हादसा, अक्टूबर 2023- आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में दो यात्री ट्रेनों की टक्कर में 11 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर स्पेशल ट्रेन ने विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी जिसके बाद एक के बाद एख कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. जिस ट्रेन को पीछे से टक्कर मारी गई थी, उसके ड्राइवर ने पीछे से आ रही ट्रेन के सिग्नल को मिस कर दिया था.
3 दशहरे के दिन अमृतसर का रेल हादसा, अक्टूबर 2018 – पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरी पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से से कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई जबकि 72 अन्य घायल हो गए. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे. रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आई और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला.
4 एक साल जब हादसे कई हुए: यूं ही नहीं 2012 को हादसों का साल कह दिया जाता है. इस साल रेल हादसों के कई मामले सामने आए. इस साल लगभग 14 रेल एक्सिडेंट हुए. इनमें कहीं गाड़ी पटरी से उतर गई और कई बार दो रेलें आमने-सामने टकरा गईं. 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी. इस घटना में 30 से अधिक लोग मारे गए थे
5 बिहार में कोरोमंडल एक्सप्रेस का नदी में समा जाना, 1981- करीब 43 साल पहले हुए बिहार में भीषण ट्रेन एक्सीडेंट को दुनिया के सबसे दर्दनाक हादसों में से माना जाता है जिसमें 800 सेज्यादा सवारियों की मौत हो गई थी. पैसेंजर ट्रेन 416-डीएन 6 जून 1981 की शाम बिहार के मानसी से सहरसा जा रही थी और तब बेहद बारिश भी हो रही थी. ट्रेन केअंदर, ऊपर और खिड़की, दरवाजों पर भी यात्री लदे थे. ट्रेन बदला स्टेशन से सहरसा की ओर बढ़ी तब बागमती नदी में गिर गई.