कानपुर में दीपावाली की रात बच्ची का पेट फाड़ खा गए अंग, नि:संतान दंपती ने अंधविश्वास में की जघन्य वारदात
नगर के घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र में दीपावली की रात हत्या की ऐसी जघन्य वारदात का पर्दाफाश पुलिस ने किया है, जिससे सुनने वाले की रुह कांप जाए और दिल दहल जाए। दीपावली की रात यहां सात साल की एक बच्ची को अगवा कर उसका पेट फाड़कर शरीर के अंग खा लिए गए। कुछ अंग निकालकर कुत्तों को खिला दिए गए। गिरफ्तार आरोपितों ने हत्या से पहले बच्ची संग दुष्कर्म की बात भी स्वीकार की है। दुष्कर्म की जांच के लिए स्लाइड बनाकर नमूने लिए गए हैं। हत्या की इस सनसनीखेज वारदात के पीछे एक निःसंतान दंपती का हाथ है, जिन्होंने अंधविश्वास में दो युवकों को पैसे दे इस दर्दनाक घटना को अंजाम दिया है।
यह हुई थी घटना
घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के भदरस गांव में रहने वाली सात वर्षीय बच्ची को दीपावली की शाम करीब छह बजे एक किशोर पटाखा दिलाने के बहाने ले गया था। रविवार सुबह खून से लथपथ उसका शव खेत में पड़ा मिला था। बच्ची का गला काटने के बाद पेट फाड़कर फेफड़ा, लिवर और दिल आदि निकाला गया था। उसके हाथ पैरों में रंग भी लगा था। मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अफसरों ने पड़ताल शुरू कराई। हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम की भी मदद ली।
घटना का मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान और दिए पांच लाख
दीपावली के दूसरे दिन घाटमपुर में हुई जघन्य वारदात का संज्ञान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया और पीड़ित परिवार के प्रति शोक संवेदना जताते हुए पांच लाख रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया। इसके साथ पुलिस को जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी का निर्देश जारी किया। उसी रात करीब दस बजे स्थानीय विधायक उपेंद्र पासवान ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने बच्ची के पिता को शासन की ओर से जारी पांच लाख रुपये का चेक सौंपा और दो बीघा कृषि भूमि पट्टा दिलाने का भी आश्वासन दिया।
इस तरह सामने आई हकीकत
जांच में जुटी पुलिस ने संदेह के आधार गांव के परशुराम को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया। उसकी बातें सुनकर पुलिस भी दंग रह गई। इसके बाद पुलिस ने परशुराम समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। शव का पोस्टमॉर्टम कराने पर पता चला कि उसमें से दिल, फेफड़ा, किडनी, स्प्लीन (तिल्ली), छोटी और बड़ी आंत गायब मिली। दुष्कर्म की जांच के लिए भी स्लाइड बनाई गई है।
संतान की चाहत और अंधविश्वास में कराया कत्ल
रुह कंपा देने वाली इस वारदात की वजह अंधविश्वास और दंपती की संतानहीनता रही। हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि गांव में अधेड़ ने संतान प्राप्ति के लिए डेढ़ हजार रुपये देकर किसी बच्ची का कलेजा लाने को कहा था। इस पर उसने भतीजे अंकुल को 500 और उसके साथी वीरन कुरील को 1,000 रुपये देकर तैयार किया था। शनिवार की शाम करीब छह बजे अंकुल उर्फ हुला पटाखा दिलाने के बहाने बच्ची को घर से लेकर आया था।
इस तरह दिया घटना को अंजाम
एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बच्ची की हत्या नि:संतान परशुराम ने कराई थी। उसने किसी किताब में बच्ची का लिवर और कलेजा खाने से संतान प्राप्ति की बात पढ़ी थी। गिरफ्तार युवकों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि बच्ची का अपहरण करने के बाद दोनों ने शराब पी। बच्ची को अगवा करने के बाद जंगल में ले जाकर पहले उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद चाकू से पेट काटकर अंग निकाले और चाचा परशुराम को दिये। उसने पत्नी सुनैना संग मिलकर बच्ची का कलेजा और लिवर कच्चा खा लिया। इसके बाद बचे हुए कुछ अंग कुत्तों को खिला दिए तो कुछ अंगों को पॉलीथिन में भरकर फेंक दिया गया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया है। पुलिस ने अंकुल व वीरन को गिरफ्तार करके हत्या, शव छिपाने, दुष्कर्म व पाॅक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया है।