आजादी के 77 वर्ष बाद भी नगराम में दलित बस्ती बिजली की रोशनी से वंचित
स्वरूप समाचार
नगराम-
आजादी के 77 सालों के बाद नगराम के समेसी की दलित बस्ती के आधा दर्जन परिवार बिजली की रोशनी पाने को तरस रहे हैं आज भी रात के समय ढिबरी की रोशनी में रातें गुजारने को मजबूर हैं । बिजली विभाग के जिम्मेदारों के पास कई बार फरियाद लगाईं गई फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है ।
नगराम के समेसी पंचायत मजरा कलंदरखेड़ा की दलित बस्ती निवासी रामदीन गौतम रामनरेश जगदेई जगजीवन व ज्योति समेत अन्य लोगों का आरोप है कि सरकारी योजनाओं से प्रधानमंत्री आवास तो मिल गये जबकि बिजली नहीं पंहुचाई गयी । ऐसे में दशकों से कई परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर हैं । लेसा के सेंस खंड तृतीय मोहनलालगंज के अधिशाषी अभियंता सहित उपकेंद्र समेसी के जिम्मेदार अभियंताओं से दलित बस्ती में बिजली पहुंचाने का अनुरोध करते-करते काफी समय बीत चुका है फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी। इस बाबत उपकेंद्र समेसी के अवर अभियंता आशीष कुमार ने बताया कि सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कलंदरखेड़ा गांव में खंभे लगाकर गांव तक बिजली पंहुचाने का काम किया गया था । इस मजरे में कुछ दलित बिरादरी के लोगो द्वारा परिवार विभाजन के बाद गांव से बाहर अपने आवास बनवाये गये है जिनके घरों से लाईन की दूरी करीब ढाई सौ मीटर की होने से इन घरों को बिजली नहीं मिल सकी है । इन परिवारों को भविष्य की कोई योजना से आच्छादित कर रोशन किया जा सकता है अथवा स्टीमेट की लागत रकम जमा करने पर वहां खंभे लगाकर लाईन पंहुचाई जा सकती है ।