23 November, 2024 (Saturday)

दक्षिण कोरिया में बाढ़ और बारिश से 40 लोगों की मौत, काफी संख्या में लापता लोगों के लिए चल रहा तलाशी अभियान

दक्षिण कोरिया में बाढ़ और बारिश लोगों पर कहर बरपा रहे हैं। भीषण बारिश और भयंकर बाढ़ के चलते हजारों लोग बेघर हो गए हैं। हजारों मकान, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोगों को लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला जा रहा है। काफी संख्या में लोग लापता हो गए हैं। उनकी तलाशी का अभियान भी चलाया जा रहा है। दक्षिण कोरिया में सोमवार को नौवें दिन बारिश का कहर जारी है, करीब 40 लोगों की मौत हो गई है और बचावकर्मी भूस्खलन, तबाह मकानों और मलबे के ढेर में लोगों की तलाश कर रहे हैं। देश में नौ जुलाई से बारिश से हो रही है। बारिश के कारण भूस्खलन तथा अन्य घटनाओं में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई है, 34 घायल हुए हैं और 10,000 लोगों को घर-बार छोड़ कर सुरक्षित स्थानों कर जाना पड़ा है।

बारिश का सर्वाधिक असर दक्षिण कोरिया के मध्य तथा दक्षिणी इलाकों में पड़ा है। चेओंगजू शहर में गोताखोरों सहित सैंकड़ों बचावकर्मी मलबे से भरी सुरंग में लोगों की तलाश कर रहे हैं। इस सुरंग में शनिवार शाम को अचानक बाढ़ का पानी घुसने से एक बस सहित 15 वाहन फंस गए थे। सरकार ने सुरंग में लगभग 900 बचावकर्मियों को तैनात किया है, जिन्होंने अब तक 13 शव निकाले हैं और नौ लोगों को बचाया है। इन लोगों का इलाज चल रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वाहनों में कुल कितने लोग सवार थे। सोमवार तक बचावकर्मियों ने सुंरग से लगभग सारा पानी निकाल दिया था और अब वह खुद चल कर लोगों की तलाश कर रहे हैं, इससे एक दिन पहले वे बचावकार्यों के लिए रबर की नावों का इस्तेमाल कर रहे थे।

मकान, सड़कें बहे और ढहे

काउंटी कार्यालय ने बताया कि सैकड़ों आपातकालीन कर्मचारी, सैनिक और पुलिस दक्षिणपूर्वी शहर येचोन में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। येचोन में नौ लोग मारे गए और आठ अन्य लापता हैं। गृह एवं सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि देशभर में लगभग 200 मकान और लगभग 150 सड़कें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं हैं। वहीं 28,607 लोग पिछले कई दिनों से बिना बिजली के रह रहे हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने यूरोप और यूक्रेन की यात्रा से लौटने के बाद एक आपात बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को विशेष आपदा क्षेत्र के रूप में घोषित करने को कहा ताकि राहत प्रयासों में आर्थिक तथा अन्य सहायता को जोड़ा जा सके। (एपी)

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