24 November, 2024 (Sunday)

जेल में तड़प-तड़पकर मर गए 153 ‘बेगुनाह’ कैदी, ह्यूमन राइट्स ग्रुप की रिपोर्ट से मचा हड़कंप

सैन सल्वाडोर: दुनिया के तमाम देश बगैर किसी जुर्म के कैदियों को लंबे समय तक जेल में रखने के लिए बदनाम हैं। भारत में भी कई मामलों में देखा गया है कि तमाम कैदियों को बगैर ट्रायल के ही, या निर्दोष होने के बावजूद लंबे समय तक जेल में रखा जाता है। हालांकि, अल सल्वाडोर से जो रिपोर्ट आई है, वह रोंगट खड़े करने वाली है। ह्यूमन राइट्स ग्रुप ‘क्रिस्टोसल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोकल गैंग्स पर नकेल कसने के चक्कर में कुछ महीने पहले जिन लोगों को जेल भेजा गया था, उनमें से 153 की दर्दनाक मौत हो चुकी है।

‘बेगुनाह’ थे मारे गए सभी 153 लोग

‘क्रिस्टोसल’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2022 में इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जेल भेजे गए कम से कम 153 लोगों की सल्वाडोर की जेल में मौत हो गई। ‘क्रिस्टोसल’ ने सोमवार को एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से किसी को भी उस गुनाह के लिए दोषी नहीं ठहराया गया, जिनके आरोप गिरफ्तारी के समय उन पर लगाए गए थे, यानी कि ये सारे लोग अपनी मौत के वक्त ‘बेगुनाह’ थे। रिपोर्ट के मुताबिक, जान गंवाने वाले 153 लोगों में 4 महिलाएं और बाकी पुरुष हैं।

सरकार को आंकड़ों की परवाह नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों की मौत टॉर्चर किए जाने और गंभीर चोटों की वजह से हुई। करीब आधे लोगों की जान हिंसा का शिकार होने के चलते गई जबकि कुछ कैदी कुपोषण की वजह से मर गए। मेडिकल सहायता न मिलने, दवा या भोजन जान-बूझकर न देने के कारण भी कुछ लोगों की जान जाने के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों की मौत सुरक्षाकर्मियों और जेल अधिकारियों की बर्बरता का जीता-जागता सबूत है। वहीं, सरकार के स्तर पर बात करें तो उसने कैदियों की मौत के संबंध में कोई सटीक आंकड़ा पेश नहीं किया है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *