शीतकालीन सत्र : राज्य सभा में भाजपा सदस्य ने की समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग
राज्यसभा में गुरुवार को भाजपा के एक सदस्य ने सरकार से सभी धर्मो की बेहतरीन व्यवस्थाओं का अध्ययन कर उनकी मदद से समान नागरिक संहिता बनाए जाने की मांग की। उच्च सदन में विशेष उल्लेख के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए भाजपा सदस्य केसी राममूर्ति ने कहा कि लैंगिक असमानता देश में लंबे समय से रही है। धर्म या संप्रदाय से निरपेक्ष महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 कहता है कि सरकार देशभर में अपने नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य विवाह, तलाक, संरक्षण, दत्तक-ग्रहण और उत्तराधिकार के अलग-अलग कानूनों में एकरूपता लाना है। इसके अलावा सिविल और मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे भी इसके अंतर्गत आएंगे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। यहां तक कि देश में गोवा में भी यह प्रविधान लागू है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर व्याप्त भ्रम को दूर किया जाना चाहिए। मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि लोगों के हित में इसे लागू करे।
सीडीएस को श्रद्धांजलि देने के लिए विपक्ष ने स्थगित किया धरना
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) समेत 13 सैन्यकर्मियों के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए विपक्ष ने अपने 12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन और धरने को गुरुवार को स्थगित कर दिया। लेकिन राज्यसभा में संवेदना व्यक्त करने का मौका नहीं दिए जाने पर सरकार व आसन पर निशाना साधा और अनुमति नहीं देने के फैसले की निंदा की। विपक्ष ने संसद चलाने के तौर-तरीकों को लेकर भी सरकार पर प्रहार किया। राज्यसभा में शोक-संवेदना व्यक्त करने का मौका नहीं दिए जाने से बिफरे विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए बाहर आकर जनरल रावत समेत सभी सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।