25 November, 2024 (Monday)

क्यों दो साल से खामोश है चेतेश्वर पुजारा का बल्ला, जानिए वजह

2018-19 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से जीतकर इतिहास रचा था। उस सीरीज के हीरो चेतेश्वर पुजारा रहे थे, लेकिन उस दौरे के बाद चेतेश्वर पुजारा बड़े स्कोर नहीं बना पा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज रहे चेतेश्वर पुजारा जब भारत में आए तो उन्होंने रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला, जिसमें वे विदर्भ के लेफ्ट आर्म स्पिनर आदित्य सरवटे के खिलाफ फंसते हुए दिखाई दिए थे। दो साल से वे बड़ा स्कोर बनाने के लिए तरस रहे हैं।

रणजी ट्रॉफी के फाइनल में सौराष्ट्र के लिए वे दोनों पारियों में 1 रन बना सके थे। इसके बाद से लगातार वे लेफ्ट आर्म स्पिन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। यहां तक कि 30 से ज्यादा पारियां खेलने के बाद भी वे शतक नहीं जड़ सके हैं। उनके टेस्ट करियर में पहली बार ऐसा मौका आया है जब इतनी पारियां खेलने के बाद भी वे शतक नहीं जड़ पाए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज में भी पुजारा लेफ्ट आर्म स्पिनर जैक लीच के खिलाफ फंसते हुए दिखाई दिए हैं। जनवरी 2019 में पुजारा के बल्ले से आखिरी शतक देखने को मिला था।

लीच ने पिछले तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में पुजारा को तीन बार आउट किया है। ऐसे में भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता और कोच अंशुमन गायकवाड ने खुलासा किया है कि क्यों पुजारा फंस रहे हैं। अंशुमन गायकवाड़ ने न्यूज एजेंसी आइएएनएस से बात करते हुए कहा, “चेतेश्चर पुजारा, अपने पैरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और खींचकर आगे ला रहे हैं। सब कुछ ठीक है, लेकिन कई बार वे हाफ कुक खेल रहे हैं। जब वह दुविधा में होते हैं, तो वह लेफ्ट आर्म स्पिनरों के खिलाफ पूरी तरह से अपने पैरों का इस्तेमाल नहीं करते और यहीं पर वह फंस जाते हैं और ऐसे में वे lbw या फिर स्लिप में कैच आउट हो जाते हैं।”

ठीक इसी तरह पुजारा दो साल पहले भी विदर्भ के खिलाफ फंसते हुए दिखाई दिए थे। विदर्भ के कप्तान फैज फजल ने कहा कि वह टीम की रणनीतियों का खुलासा नहीं करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने पुजारा को क्रीज के अंदर ही रोकने का प्लान बनाया था। फजल ने बताया, “हम सभी जानते हैं कि उनका(पुजारा) फुटवर्क काफी अच्छा है। वह क्रीज से खेलना पसंद नहीं करते। इसलिए हमने सोचा कि हमें उन्हें सिंगल लेने और स्ट्राइक रोटेट करने से रोकना है। हमने उसी के मुताबिक फील्डिंग लगाई और गेंदबाजों ने उसी हिसाब से गेंदबाजी की तथा उन्हें सिंगल लेने नहीं दिया। आदित्य ने भी प्लान के मुताबिक गेंदबाजी की।”

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