25 April, 2025 (Friday)

क्या महाभियोग के जरिये अयोग्य ठहराए जा सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप? जानें इस बारे में एक्‍सपर्ट व्‍यू

भड़काने के आरोप में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बुधवार को दोबारा महाभियोग लाया गया। इस बीच कुछ सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ आवाज उठाते हुए उन्हें भविष्य में किसी भी राजनीतिक पद के लिए अयोग्य ठहराए जाने की मांग की है। संसद का उच्च सदन यानी सीनेट अब ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने और भविष्य में किसी राजनीतिक पद हासिल करने से रोकने के मुद्दों पर विचार करेगी।

दो तरीके से दी जा सकती है सजा 

अमेरिकी संविधान के अनुसार महाभियोग का सामना कर रहे किसी अधिकारी को दो तरीके से सजा दी जा सकती है। उसे पद से मुक्त किया जा सकता है अथवा अमेरिका के भीतर किसी प्रतिष्ठा, विश्वास या लाभ के पद के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। सदन ने संसद परिसर में हुई हिंसा के पहले ट्रंप द्वारा कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में महाभियोग को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि ट्रंप संविधान के प्रथम संशोधन के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए यह कह सकते हैं कि उन्होंने समर्थकों से लड़ाई के लिए कहा था, न कि हिंसा  के लिए। संविधान के अनुसार, ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी।

सीनेट दोषी नहीं करार देती तब…

कानून के जानकारों का कहना है कि इस बारे में स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा सकता। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो में कंस्टीट्यूशनल लॉ के प्रोफेसर पॉल कंपोस कहते हैं, ट्रंप को दोषी साबित करने के पक्ष में अधिक मत नहीं भी पड़ते हैं तब भी उन्हें अयोग्य साबित करने के लिए मतदान होगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि सीनेट के पास व्यापक अधिकार हैं और वह तय कर सकती है कि ट्रायल का संचालन कैसे किया जाए। हालांकि, प्रो काल्ट का कहना है कि अयोग्य ठहराए जाने से पहले ट्रंप को दोषी साबित करना होगा। पूर्व में भी ऐसा हो चुका है।

क्या कहता है 14वां संशोधन

संविधान के 14वें संशोधन का अनुच्छेद तीन अयोग्य ठहराए जाने के लिए विकल्प का काम करता है। इसमें यह व्यवस्था दीगई है कि अमेरिका के खिलाफ राजद्रोह करने वाला कोई भी व्यक्ति सरकारी पद पर नहीं रह सकता। हालांकि, इसे गृह युद्ध के बाद निष्क्रिय कर दिया गया था, ताकि संघर्ष करने वाले भी सरकारी पदों पर नियुक्त हो सकें। दोनों सदनोंमें सामान्य बहुमत के जरिये ही जुर्माने को खत्म किया जा सकता है। संसद अयोग्यता को भी खत्म कर सकती है, लेकिन दोनों सदनों में इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। अनुच्छेद पांच संसद को समुचित कानून के जरिये सभी संशोधनों को लागू कराने की शक्ति प्रदान करता है।

अयोग्य ठहराए जा चुके हैं तीन जज

अमेरिकी इतिहास में अबतक तीन संघीय अधिकारियों को महाभियोग के जरिये अयोग्य ठहराया गया है। ये तीनों ही जज थे। आखिरी बार वर्ष 2010 में सीनेट ने ल्यूसियाना के जज को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाए जाने पर पद से मुक्त करते हुए उन्हें भविष्य में किसी भी पद के लिए अयोग्य ठहराया था। मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में लॉ के प्रोफेसर ब्रेन काल्ट के अनुसार, अयोग्यता के नियम को लेकर कुछ विवाद हैं। इसमें यह भी शामिल है कि क्या राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलसकता है। कुछ विधि विशेषज्ञों का मानना है कि नीति निर्माताओं ने राष्ट्रपति के पद को ऑफिस के रूप में नहीं माना है, जबकि कुछ तर्क देते हैं कि यह प्रविधान लागू होता है।

क्या फैसले को दी जा सकती है चुनौती 

प्रो काल्ट कहते हैं, यह बिल्कुल संभव है। सुप्रीम कोर्ट वर्ष 1993 के एक मामले मेंं साफ कर चुका है कि वह इस बात को लेकर चिंतित है कि सीनेट में महाभियोग किस प्रकार चलाया जाता है। उस मामले में एक जज संलिप्त थे। तब कोर्ट ने पूछा था, क्या सीनेट आश्वस्त है कि महाभियोग पूरी तरह से राजनीतिक मामला है और इसे कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। प्रो काल्ट कहते हैं कि अगर ट्रंप को अयोग्य ठहराया गया तो संभव है कि मौजूदा सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट करे कि कार्रवाई कानून संगत थी अथवा नहीं। सुप्रीम कोर्ट के नौ में से छह जज कंजरवेटिव समर्थक माने जाते हैं।

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