युद्ध टालने के लिए व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, शिखर सम्मेलन पर बनी सहमति
रुस और यूक्रेन के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जिस वजह से दोनों देशों के बीच हालात को सामान्य करने के लिए दुनिया भर के देश अपनी ओर से पहल भी कर रहे हैं। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ‘सैद्धांतिक रूप से’ मिलने के लिए सहमत हो गए हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि, राष्ट्रपति जो बाइडेन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मिलने के लिए सहमत हो गए हैं। लेकिन इस दौरान कोई हमला नहीं हुआ, तभी वह रुसी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
शिखर सम्मेलन पर बनी सहमति
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप में सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर चर्चा करने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रस्तावित शिखर सम्मेलन के सिद्धांत पर सहमति व्यक्त की है। एलिसी पैलेस के मुताबिक, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दिन में दो बार पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और यूक्रेन की स्थिति पर जो बाइडेन के साथ भी वार्ता की। जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दोनों नेताओं को यूरोप में सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर एक शिखर सम्मेलन करने का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन और पुतिन दोनों ने इसे सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है।
‘आक्रमण नहीं हुआ तो पुतिन से मिलेंगे बाइडेन’- व्हाइट हाउस
बयान में कहा गया है कि इस तरह के शिखर सम्मेलन का सार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को 24 फरवरी को अपनी बैठक के दौरान तैयार करना होगा। हालांकि, बयान में कहा गया है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो ये बैठक होना असंभव होगा। फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास एलिसी पैलेस द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इन चर्चाओं की सामग्री तैयार करने के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करेंगे। इससे पहले रविवार को मैक्रों ने यूक्रेन के हालात पर बाइडन और पुतिन से बात की थी। उधर, क्रेमलिन ने रविवार को अपने बयान में कहा कि मैक्रों और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के आसपास के घटनाक्रम के साथ-साथ रूसी संघ के लिए दीर्घकालिक कानूनी सुरक्षा गारंटी के बारे में गहन चर्चा की।
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी देशों ने रूस पर यूक्रेन की सीमा के पास आक्रमण की कथित तैयारी के लिए एक सैन्य टुकड़ी का निर्माण करने का आरोप लगाया है। हालांकि, मास्को ने इन आरोपों का खंडन किया है, और उनकी तरफ से बार-बार यह कहा गया है कि, वह किसी को धमकी नहीं दे रहा है और साथ ही साथ रूसी सीमाओं के पास नाटो की सैन्य गतिविधि पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है। जिसे वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। मास्को ने यह भी कहा है कि रूस को अपने राष्ट्रीय क्षेत्र में सैनिकों को स्थानांतरित करने का अधिकार है।