Vikas Dubey News: विकास ने काली कमाई से खड़ा किया था साम्राज्य, SIT जल्द पूरा ब्यौरा ED को सौंपेगी
उत्तर प्रदेश में कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों ने काली कमाई से करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई थी, जिनमें कई व्यवसायिक व आवासीय भूखंड भी हैं। ये तो वो चल-अचल संपत्तियां हैं, जिसके साक्ष्य अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने अपनी जांच के दौरान जुटाए हैं। विकास दुबे, उसके खजांची जय वाजपेयी और गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम कई कीमती बेनामी संपत्तियां भी हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से सांठगाठ के बूते विकास दुबे व उसके गिरोह ने किस तरह काली कमाई से अपना साम्राज्य खड़ा किया था।
एसआइटी ने बीते दिनों शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें विकास दुबे गिरोह की 150 करोड़ की संपत्तियों का भी जिक्र है और एसआइटी ने इसकी ईडी से जांच कराने की सिफारिश भी की थी। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले से ही इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच कर रहा है।
शासन की सिफारिश पर ईडी ने सितंबर 2020 में कुख्यात विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी समेत करीब 36 आरोतिपों के विरुद्ध केस दर्ज किया था और ईडी इस मामले में विकास दुबे की पत्नी से लंबी पूछताछ भी कर चुकी है। एसआइटी की जांच में विकास दुबे व उसके गिरोह की संपत्तियों के जो साक्ष्य सामने आए हैं, उन्हें अब ईडी को सौंपा जाएगा। इसके अलावा एसआइटी ने प्रशासनिक व पुलिस सुधार की जो सिफारिशें की थीं, उन पर जल्द अमल कराए जाने की तैयारी है।
तीन सदस्यीय एसआइटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए करीब 80 अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की थी। एसआइटी ने करीब 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी है। जिसमें प्रशासनिक व पुलिस सुधार की महत्वपूर्ण 29 संस्तुतियां भी हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें 11 लघु अवधि, नौ मध्यम अवधि व सात दीर्घ अवधि की संस्तुतियां हैं। उल्लेखनीय है कि एसआइटी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही बीते दिनों कानपुर के तत्कालीन एसएसपी अनंद देव को निलंबित कर दिया गया था, जबकि अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई है।
एसआइटी की प्रमुख सिफारिशें
- एसआइटी ने विकास दुबे व उसके गिरोह के सदस्यों के नियम विरुद्ध बने शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट के मामलों में एफआइआर दर्ज कराने व संबंधित अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है।
- बिकरू कांड जैसी किसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एसआइटी ने थाना स्तर पर अभिलेखों के रखरखाव, उनकी मानीटरिंग व अपराधियों की निगरानी को लेकर कई अहम सुझाव भी दिए हैं। घटना को देखते हुए एसआइटी ने हर मंडल मुख्यालय स्तर पर फायरिंग रेंज बनाए जाने व एसएसपी से लेकर सिपाही तक का नियमित प्रशिक्षण कराए जाने की सिफारिश की है।
- होमगार्ड जवानों को भी शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिलाने की बात भी कही गई है। इसके अलावा बीट पुलिसिंग व बुनियादी पुलिसिंग को मजबूत करने के कदम उठाए जाने को कहा है। अपराधियों का पूरा ब्योरा अपडेट रखे जाने, अभियोजन स्वीकृतियों में तेजी लाए जाने, थानों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने व पुलिस को दबिश के लिए खास प्रशिक्षण देने की बात भी कही गई है।
- एसआइटी की जांच में यह भी पाया गया कि विकास दुबे के विरुद्ध मुकदमे कानपुर नगर के थाने में दर्ज थे और उनसे संबंधित कोर्ट कानपुर देहात में थी। संबंधित कोर्ट दूसरे जिले में होने के कारण भी विकास दुबे व गिरोह कई अहम सूचनाओं को पुलिस की मदद से छिपाने में कामयाब रहे। एसआइटी ने कहा है कि जिन जिलों में ऐसा हो, वहां संबंधित थाने की कोर्ट को उसी जिले में स्थानान्तरित कराया जाए।