जिस हाईवे पर बाइक ले जाना बैन, उस पर 8 KM तक रॉन्ग साइड बस चलाता रहा ड्राइवर, 18 बार हो चुका है चालान; 6 मौतों का जिम्मेदार कौन?
गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार की सुबह हुए भीषण हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जिसमें 2 बच्चे भी शामिल हैं। कार सवार दो लोग बुरी तरीके से घायल हैं, जो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपी बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। ड्राइवर के नशे में होने की बात भी सामने आई है। इस पर जांच की जा रही है। लेकिन, सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह आई है कि जिस एक्सप्रेस-वे पर बाइक पूरी तरीके से प्रतिबंधित है, उस पर ड्राइवर 8 किलोमीटर तक बस को रॉन्ग साइड लेकर कैसे आया। इस एक्सप्रेस-वे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, पुलिस निगरानी करती है।
एक झटके में उजड़ गया परिवार
पुलिस के मुताबिक हादसे में 45 वर्षीय नरेंद्र यादव, उनकी पत्नी अनीता (42) और दो बेटे हिमांशु (12) और करकित (15) की मौत हुई। नरेंद्र के भाई धर्मेंद्र की पत्नी बबिता (38) और बेटी वंशिका (7) की भी मौत हुई है। जबकि, धर्मेंद (48) और उनके बेटे आर्यन (8) गंभीर रूप से घायल हुए हैं। धर्मेंद्र खेती करते थे, जबकि नरेंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते थे। एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया, ‘बस नोएडा के एक स्कूल में पहले चलती थी। अब ये बस एक दूसरे इंस्टीट्यूट में चल रही थी। ड्राइवर दिल्ली से लौट रहा था। गाजीपुर में उसने सीएनजी भरवाई और रॉन्ग साइड पर चल रहा था। इस हादसे में पूरी गलती बस ड्राइवर की है।
हादसे का जिम्मेदार कौन?
बता दें कि इस हादसे ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी है, जिस तरीके से पता चला है कि यह बस ड्राइवर 8 किलोमीटर तक बस को रॉन्ग साइड लेकर आ रहा था, अपने आप में बहुत बड़ी बात है। बस ड्राइवर का नाम प्रेमपाल है। उसके नशे में होने की बात भी सामने आ रही है। पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
हादसे का कारण बनी बस के कट चुके हैं 18 चालान
रॉन्ग साइड से आकर टक्कर मार देने वाली इस बस के अब तक 18 चालान कट चुके हैं। ये चालान अलग-अलग दिन और समय पर तेज रफ्तार से बस चलाने, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के और बिना सीट बेल्ट के बस चलाने जैसे कई मोटर व्हीकल एक्ट के नियम अनुसार नोएडा ट्रैफिक पुलिस के द्वारा काटे गए हैं। इतने चालान काटने के बाद भी बस को सीज न करना एक बड़ा सवाल पैदा कर रहा है।