पुराने दोपहिया वाहन खरीदने का है प्लान, तो इन 7 बातों का हमेशा रखें ख्याल
कोरोनावायरस महामारी के बाद से सेकेंड हैंड बाइक खरीदने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है, क्योंकि महामारी के चलते लोगों के बजट पर खासा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में जिनको मोटरसाइकिल की जरूरत है और नई मोटरसाइकिल खरीदने का बजट नहीं है, वे second hand Two-wheeler (सेकेंड हैंड टू-व्हीलर) खरीदने का प्लान बनाते हैं। आज आपको इस खबर के माध्यम से बताने जा रहे हैं वो 7 जरूरी बातें, जिसे पुरानी मोटरसाइकिल खरीदते समय ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।]
ब्रांडेड कंपनी
पुरानी दोपहिया ब्रांडेड कंपनी से ही लें। क्योंकि ब्रांडेड कंपनी आपको वाहन के सभी जरूरी कागजात, जैसे- इंश्योरेंस, एनओसी, ट्रांसफर सर्टिफिकेट आदि जरूरी डॉक्यूमेंट्स आपको समय अनुसार मुहैया करवा देते हैं, जिससे आपको वाहन खरीदने के बाद कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
बजट
ग्राहक पुराना टू-व्हीलर वाहन इसलिए खरीदते हैं क्योंकि कीमत बहुत आकर्षक होती है। इसपर कोई टैक्स या मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) नहीं होता है। इसके बाद ग्राहक को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि खरीदी जा रही गाड़ी की गुणवत्ता क्या है, कितनी पुरानी है, ब्रांड मूल्य क्या है तथा वैसे टू-व्हीलर की उपलब्धता क्या होगी। बजट बनाने में इन सारी बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए।]
रिसर्च
स्मार्ट खरीदार वही है जो किसी भी चीज को खरीदने के पहले रिसर्च करता है। पुरानी मोटरसाइकिल खरीदने के पहले इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन रिसर्च करना काफी जरूरी है, ताकि आपको उस मोटरसाइकिल की वास्तविक प्राइस के बारे में जानकारी और खरीदते से दुकानदार से प्राइस नेगोशिएट करा सको। बेहतर हो यदि आप उसी ब्रांड का टू-व्हीलर खरीदें जिसे ग्राहकों ने अच्छी रेटिंग दी हो या जिसकी अच्छी समीक्षा हो।
स्कैम अलर्ट
फ्रॉड और स्कैम करने वालों से सतर्क रहिए, क्योंकि भारत में पुराने टू-व्हीलर का बाजार अभी भी बेहद असंगठित है। इसलिए खरीदारों को जागरूक होना चाहिए और उन्हें सलाह दी जाती है कि वे व्यैक्तिक विक्रेता या सड़क के किसी असंगठित डीलर के मुकाबले संस्थागत विक्रेता से खरीदें।
होम टेस्ट राइड
किसी भी वाहन को खरीदने से पहले उसे चलाकर उसकी गुणवक्ता को चेक करना बेहद जरूरी है। इससे अन्य बारीक पहलुओं का पता चलता है जैसे चलाने या सवारी का आराम, सड़क पर प्रदर्शन, ब्रेक और दूसरे पुर्जों का मशीनी प्रदर्शन। लॉकडाउन के इस समय में टू-व्हीलर कंपनियां बाइक्स की होम डिलीवरी और कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी भी कर रही हैं। उपयोगकर्ताओं को निश्चित रूप से ऐसी पेशकशों का लाभ उठाना चाहिए।
पेपर वेरिफिकेशन
सेकंड हैंड बाइक खरीदने से पहले यह जरूरी है कि सभी संबद्ध दस्तावेजों की जांच कर ली जाए। इनमें बीमा, आरसी बुक, चेसिस नंबर, निर्माण की तारीख और प्रदूषण प्रमाणपत्र शामिल है। पूर्व में कर्ज पर ली गई बाइक के मामले में हाइपोथिकेशन सर्टिफिकेट भी जरूरी है। पैसे देकर आरटीओ से कराए गए वेरीफिकेशन से यह भी पता चलेगा कि उल्लंघन का कोई मामला है कि नहीं। आज के समय में किसी भी दस्तावेज की डुप्लीकेट कॉपी देना बहुत आसान है। पर मैं ग्राहकों को यह सलाह देता हूं कि विक्रेताओं द्वारा ठगे जाने से बचने के लिए खास ध्यान रखें।
वारंटी, टाइम-पीरियड
पुरानी बाइक खरीदने का निर्णय करते समय वारंटी की तारीख और एक्सचेंज की वैधता जांच भी कर लेना चाहिए। इस तरह की टर्म एंड कंडीशन के स्पष्टीकरण कर लेने से आपको गुणवत्ता के मामले में असंतुष्ट होने पर आपको दोपहिया को बदलने या लौटाने में मदद मिलेगी।