US vs Japan :अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद रक्षा सचिव की जापान के अपने समकक्ष से वार्ता, चीन को किया सतर्क
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयल ऑस्टिन ने अपने जापानी समकक्ष नोबुओ किशी के साथ टेलीफोन पर लंबी बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अमेरिका-जापान सुरक्षा संधि द्वारा संरक्षित सेनकाकुश द्वीप समेत भारत-प्रशांत क्षेत्र और पूर्वी चीन सागर क्षेत्रीय विदादों पर चर्चा की। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसकी जानकारी दी है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने साफ किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्वी चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है।
इस मौके पर ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका-जापान सुरक्षा संधि के तहत सेनकाकुश द्वीप द्वीप की सुरक्षा के लिए वाशिंगटन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा के साथ कोविड-19 महामारी पर भी चर्चा की। खास बात यह है कि अमेरिका में जो बाइडन द्वारा राष्ट्रपति शपथ लेने के बाद अमेरिकी रक्षा सचिव की जापान के समकक्ष से पहली बार फोन से वार्ता हुई है। इस वार्ता में अमेरिका ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है कि वह ट्रंप नीतियों के पूरक है।
ऑस्टिन ने उत्तर कोरिया के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों को लागू करने में जापान के नेतृत्व के लिए अपने जापानी समकक्ष किशी को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने में गठबंधन की भूमिका जारी रखने और इसके लिए जापान के योगदान को मजबूत करने के लिए उनकी सराहना की। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में किशी ने अपने चीनी समकक्ष वी फेंग के साथ एक वर्चुअल बैठक की थी, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों और पूर्वी चीन सागर में हाल की घटनाओं विशेष रूप से विवादित सेनकाकिर द्वीप के पास पानी में चीनी जहाजों की अनधिकृत प्रविष्टियों पर चर्चा की थी।
सेनकाकुश द्वीप ईस्ट चाइना सी पर स्थित है। भौगोलिक रूप से यह ताइवान के निकट है। ईस्ट चाइना सी प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है। चीन के पूरब में होने के कारण इसका नाम यह ईस्ट चीन सी पड़ा। सेनकाकुश द्वीप पर कोई आबादी नहीं रहती। यह निर्जन स्थान है। लेकिन सामरिक और व्यापारिक लिहाज से खासा महत्व रखता है। इसी लिए चीन की इस पर नजर है। ऐसा दावा किया जाता है कि यहां कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का अपार भंडार हैं। माना जाता है कि पूरे पूर्वी चाइना सी में कच्चे तेल और गैस का जितना भंडार है, उसका अधिकतर हिस्सा ओकिनावा के आसपास के हिस्से में ही है। यह इलाका प्रशांत महासागर के व्यस्त शिपिंग रूट पर पड़ता है। इसके अलावा यह दुनिया का मछली संपन्न इलाका है। इस इलाके में खुब मछलियां एकत्र होती हैं।