UP By Election 2020: दांव पर भाजपा की साख, करो या मरो की स्थिति में विपक्ष, जानें 7 सीटों का गणित
उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर मंगलवार होने वाले मतदान में वोट प्रतिशत कम रहने की आशंका ने भारतीय जनता पार्टी समेत सभी प्रमुख दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। आम चुनाव से पूर्व सेमीफाइनल माने जाने इन उपचुनावों में भाजपा की साख दांव पर लगी है तो विपक्षी दलों के लिए भी करो या मरो जैसी स्थिति है। खासकर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस में खुद को मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी के तौर पर पेश करने की होड़ है ताकि उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी का सपना साकार होने की उम्मीद मजबूत हो।
उत्तर प्रदेश की जिन सात विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होगा, उसमें जौनपुर की मल्हनी को छोड़कर अन्य छह सीटें देवरिया, बुलंदशहर, टूंडला, बांगरमऊ, नौगवां सादात व घाटमपुर भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में थी। विपक्ष में बिखराव को देखते हुए भाजपा सभी क्षेत्रों में भगवा फहराने का दावा कर रही है। वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी कांग्रेस गठबंधन मैदान में था। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी केवल सीट मल्हनी ही जीत सकी और तीन स्थानों देवरिया, नौगवां सादात व बांगरमऊ में दूसरे स्थान पर रही थी। प्रथम और दूसरे स्थान में वोटों का काफी अंतर था। बहुजन समाज पार्टी भी बुलंदशहर, घाटमपुर व टूंडला में उपविजेता रही, जबकि मल्हनी में निषाद पार्टी दूसरे पायदान पर पहुंचने में कामयाब हो गयी थी।
इन सीटों पर चतुष्कोणीय दिख रहा मुकाबला : भाजपा अपने कब्जे वाली छह में पांंच सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है। केवल मल्हनी और बांगरमऊ में कांटे टक्कर बतायी जा रही है परंतु गत दो दिनों में हुए राजनीतिक उलटफेर को सकारात्मक माना जा रहा है। सपा-बसपा में खींचतान को भाजपा अपने लिए अवसर मान रही है। बांगरमऊ में कांग्रेस की पूर्व सांसद अन्नू टंडन की बगावत कांग्रेस को झटका है, परंतु सपा इसका कितना लाभ लेगी यह नतीजे आने पर पता चलेगा। बहरहाल यहां चतुष्कोणीय मुकाबला दिख रहा है।
देवरिया में ब्राह्मण बहुल क्षेत्र में मतों का बिखराव तय : देवरिया में भाजपा के बागी व पूर्व विधायक स्व.जन्मेजय सिंह के पुत्र अजय प्रताप ने पेंच फंसा दिया है। वह सैंथवार बिरादरी को लामंबद करने में जुटे है। यहां भाजपा समेत सभी प्रमुख दलों ने ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं। ब्राह्मण बहुल क्षेत्र में मतों का बिखराव तय है। भाजपा के सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी सभी वर्गों में पकड़ को अपनी मजबूती मान रहे हैं, जबकि सपा के ब्रहाशंकर त्रिपाठी सत्ता विरोधी लहर बताकर अपने पक्ष में माहौल बनाने में लगे रहे।
नौगावां सादात सीट पर मुस्लिम वोट के लिए सपा-बसपा में होड़ : करीब 35 प्रतिशत मुस्लिम वोटों वाली नौगावां सादात सीट पर मुसलमान वोट पाने की सपा-बसपा में होड़ है। बसपा के फुरकान 20 फीसद दलित वोटों के सहारे सपा के जावेद आब्दी से मजबूत स्थिति में मानते है। वहीं भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री स्व. चेतनचौहान की पत्नी संगीता चौहान सहानुभूति वोटों के अलावा विपक्ष के बिखराव की आस लगाए है।
बुलंदशहर में मुस्लिम व दलित वोटों का दबदबा : बुलंदशहर सीट पर मुस्लिम व दलित वोटों का दबदबा है। बसपा अपने मुस्लिम उम्मीदवार को मजबूत मान रही है। समाजवादी पार्टी ने यह सीट राष्ट्रीय लोकदल को सौंपी है। रालोद, भाजपा व कांग्रेस ने जाट उम्मीदवार उतारे है। भाजपा सीधा मुकाबला होने को लाभदायक मान रही है। घाटमपुर व टूंडला आरक्षित सीटें हैं। भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर सपा व बसपा के साथ कांग्रेस भी मजबूती से लड़ रही है। कोरोना संक्रमण के चलते मतदान कम रहने की संभावना पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर का कहना है कि बूथ स्तर पर पर्याप्त तैयारी है। संगठन महामंत्री सुनील बंसल लगातार इस ओर ही ध्यान दिए है। बढ़िया बूथ प्रबंधन वोटिंग कम न होने देगा।