यूपी बोर्ड परीक्षा: कानपुर के प्रधानाचार्यों की बढ़ीं धड़कनें, जल्द पता लगेगा कौन सा स्कूल बना परीक्षा केंद्र
सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड की ओर से 10वीं व 12वीं के छात्रों की पहले सेमेस्टर की व टर्म वन की परीक्षाएं कराई जा रही हैं। मार्च-अप्रैल में उक्त दोनों ही बोर्डों की ओर से दोबारा परीक्षाएं होंगी, और फिर उनके आधार पर छात्रों का बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित होगा।
इसी तर्ज पर यूपी बोर्ड की ओर से भी बोर्ड परीक्षाएं कराने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। जिन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाना है, उनका पूरा डाटा जिले से बोर्ड को भेज दिया गया। अब बोर्ड की ओर से डाटा के आधार पर परीक्षा केंद्रों की सूची जारी होगी। जिस पर डीआइओएस आपत्ति मांगेंगे और फिर उन आपत्तियों का निस्तारण होगा। निस्तारण होते ही केंद्रों की अंतिम सूची बोर्ड को भेजी जाएगी और उस पर बोर्ड की अंतिम मुहर लग जाएगी।
स्थलीय निरीक्षण कराकर भेजी गई रिपोर्ट: डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया कि बोर्ड की ओर से उन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, जहां सारे मानक पूरे होंगे। इसलिए सभी जिम्मेदार अफसरों ने स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण किया है और रिपोर्ट तैयार की है। वहीं, निरीक्षण से पहले स्कूलों की ओर से प्रधानाचार्यों ने भी अपना डाटा बोर्ड को भेज दिया था। बोर्ड के अफसर अब पूरा डाटा का मिलान करेंगे और फिर जो स्कूल मानक पर खरे उतरेंगे उन्हें बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
अंतिम सूची से पहले माननीय करेंगे पैरवी: पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के चलते बोर्ड परीक्षाएं न होने से जिले के माननीय अपने मनपसंद स्कूलों को बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने की पैरवी भले न कर पाएं हों। लेकिन, इस सत्र में उनके पास पूरा मौका होगा। उन्हें बस इंतजार है बोर्ड की ओर से सूची आने का। जिसके बाद वह अपना पूरा दमखम लगा सकेंगे।