22 November, 2024 (Friday)

UP : कांवड़ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश में बनाये गए 1917 सेक्टर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने श्रावण मेला और कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सारी तैयारियां कर ली हैं श्रावण मास 14 जुलाई से शुरू हुआ है जो रक्षाबंधन तक मनाया जायेगा। जबकि श्रावण शिवरात्रि का मुख्य पर्व 26 जुलाई को मनाया जायेगा। इस अवसर पर प्रदेश के जिलों पर कांवड़िए विभिन्न नदियों से जल ले जाकर जलाभिषेक करते हैं। इस साल श्रावण मास में चार सोमवार होंगे।

कांवड़ यात्रा और श्रावण मेला की संवेदनशीलता के मद्देनजर सभी जिलों के अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था व सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर कावंड़ियां संघ के पदाधिकारियों संग सभी जिलों में कुल 1670 बैठकें हुईं।

इस साल 1523 कांवड यात्रा शिविर एवं भंडारे का पूरे प्रदेश में आयोजित किए जायेंगे। कुल 840 कांवड़ मार्ग है,जिनकी दूरी 12356 किलोमीटर की है। 4556 ऐसे शिवालय हैं, जहां जलाभिषेक किया जायेगा। 332 नदी व घाट है, यहां से कांवड़िए जल भरेंगे। 314 स्थानों पर श्रावण मेले का भी आयोजन होगा। प्रदेश भर में 927 संवेदनशील स्थानों व ट्रबल स्पाटों को चिन्हित किया गया।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा एवं मेले को देखते हुए सभी जिलों व जीआरपी को कुल 151 पीएसी कंपनी, 11 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल भेजा गया है। मेरठ जोन, कमिश्नरेट वाराणसी और वाराणसी ग्रामीण क्षेत्र में कांवड़ियों भारी संख्या क मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा 13 अपर पुलिस अधीक्षक, 30 पुलिस उपाधीक्षक, 309 निरीक्षक व उपनिरीक्षक, 1250 पुलिस सिपाही और 172 यातायात पुलिस कर्मी प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त एटीएस टीम,एएस चेक टीम व बम डिस्पोजल स्क्वायड भी तैनात किया गया है।

यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पूरे प्रदेश में 1917 सेक्टर बनाये गए हैं, जिनमें 1195 क्विक रिस्पांस टीम की तैनाती की जा रही है। होटलों व अन्य दुकानों में रेट लिस्ट चिपकाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ खाने-पीने की गुणवत्ता और समय-समय पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इन प्रतिष्ठानों को निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं।

कांवड़ यात्रा मार्ग के आसपास शराब, मीट की दुकान, मीट के परिवहन व मृत जानवरों के अवशेष आदि ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। प्रमुख चौराहों व मार्गों पर इलेक्ट्रानिक साइन बोर्ड लगाये जाएंगे। चौबीस घंटे एंबुलेंस एवं स्वास्थ्य कर्मियों की मौजूदगी रहेगी। कांवड़ यात्रा के दौरान विभिन्न राजमार्गों पर रूट डायवर्जन और भारी वाहनों पर पूरी रोक रहेगी।

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