21 November, 2024 (Thursday)

UP: जहां ब्लॉस्ट में गईं पांच जानें, वहां चला बुलडोजर…रो पड़ा फिरोजाबाद का गांव नौशहरा; उजाड़े गए आशियाने

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में जब लोगों की आंखों के सामने आशियानों पर बुलडोजर चला तो वे फूट-फूटकर रोने लगे। बुलडोजर से इन मकानों को इस डर की वजह से ध्वस्त कराया गया कि धमाके में जर्जर हो चुके ये मकान कभी भी गिर सकते हैं।

फिरोजाबाद के शिकोहाबाद क्षेत्र के नौशहरा गांव में पटाखा गोदाम में हुए धमाके के बाद जर्जर हुए मकानों को गिरवाने की कवायद डीएम के आदेशों के बाद बृहस्पतिवार से शुरू हो चुकी है। तहसील प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से जर्जर हो चुके मकानों के परिवारों से बात कर बुलडोजर से गिरवाना शुरू कर दिया। अपने आशियानों को अपनी आंखों के सामने जमींदोज होते हुए देख लोगों के आंसू छलक उठे।

धमाके के बाद कई मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके थे। वहीं कई मकान ऐसे भी थे, जो बुरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच चुके थे। भारी बारिश के कारण वह मकान कभी भी गिर सकते थे। ऐसे में किसी अन्य बड़े हादसे के होने से इन्कार नहीं किया जा सकता था। गांव में बचे हुए अन्य लोगों के परिवारों को बचाने के लिए डीएम रमेश रंजन ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया था। बृहस्पतिवार सुबह से ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी केएस गौतम एवं जेई नौशहरा पहुंच गए थे। इसके अलावा नगर पालिका ईओ सुरेंद्र प्रताप सिंह, विद्युत निगम की टीम, बीमार लोगों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम एवं शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार अपनी पुलिस फोर्स के साथ गांव में डेरा डाले हुए थे।

दोपहर दो बजे करीब तहसील प्रशासन ने बुलडोजर को गांव में भेजा। जहां अधिकारियों ने परिवारों से बात करके खतरे का निशान लगे हुए सभी जर्जर मकानों को ध्वस्त कराया। हादसे में जर्जर हो चुके मकानों को जमींदोज होता देख लोगों का दर्द एक बार फिर उनकी आंखों और जुबां पर देखने को मिला।

नए मकान को ध्वस्त होता देख फूट-फूट कर रोईं उपासना देवी

जिस स्थान पर धमाका हुआ। उससे चंद कदमों की दूरी पर ही उपासना देवी ने अपना नया मकान लाखों रुपयों की लागत से बनवाया था। इस मकान का गृह प्रवेश नवरात्रों में होना था, लेकिन उससे पहले ही हादसा हो गया। इस हादसे में उनके सभी सपने धमाके की भेंट चढ़ गए। आज जब उनका जर्जर हो चुका नवनिर्मित मकान गिराया गया, तो उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। यही हाल मनमोहन कुशवाहा का भी था।

 

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