सेक्स से ऊब चुकी है यहां की आधी आबादी, महीने में एक बार ही करते हैं संभोग, जानिए क्यों



जापान की आधी जनसंख्या यौन क्रिया में रुचि नहीं हैं। वे यौन रहित वैवाहिक जीवन जीना अधिक पसंद करते हैं।
यह खुलासा जापान के परिवार नियोजन एसोसिएशन ने एक सर्वे रिपोर्ट में किया है। जापान में बढ़ रही इस धारणा की मुख्य वजह वर्कलोड और बच्चे पैदा होना है।
रिपोर्ट में पाया गया है कि दंपति महीने में सिर्फ एक से दो बार संबंध बनाते हैं या फिर उतना भी नहीं।
एसोसिएशन ने इस धारणा पर होने वाली शादियों को ‘सेक्सलेस मैरिज’ का नाम दिया है एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक, एसोसिएशन ने इस सर्वे में 16 से 49 साल तक के तीन हजार लोगों शामिल किया। इसमें से 1200 लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 445 लोग अविवाहित थे। रिकॉर्ड कहता है कि 47.2 फीसदी विवाहित पुरुष और महिलाएं संबंध बनाने के इच्छुक नहीं हैं। यह आंकड़ा 2014 में किए गए सर्वे से 2.6 प्रतिशत ज्यादा था।
एसोसिएशन ने 2004 में ‘नेशन्स बेडरूम हैबिट्स’ का पहला सर्वे किया था तब यह आंकड़ा 31.9 फीसदी था। जापानी मीडिया का भी कहना है कि यहां ‘सेक्सलेस मैरिज’ की परंपरा बढ़ती जा रही है। इसकी वजह है काम का दबाव। 35.2 प्रतिशत शादीशुदा लोगों का कहना है कि वे काम के बाद इतना थक जाते हैं कि संबंध बनाने की कोई खास जरूरत नहीं महसूस होती है। जबकि कुछ लोग मानते हैं कि बच्चे पैदा होने के बाद उनका यौन जीवन बहुत नीरस हो गया है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पॉपुलेशन और सोशल सिक्योरिटी रिसर्च के एक सर्वे में यह भी पाया गया था कि जापान में कुंवारे लोगों की भी बड़ी तादात हैं। अगर यह परंपरा चलती रही तो 2060 तक जापान की जनसंख्या 127 मिलियन से गिरकर 86 मिलियन रह जाएगी। यन से गिरकर 86 मिलियन रह जाएगी।