UAN से Aadhaar को नहीं कराया लिंक तो हो सकता है 7 लाख का नुकसान, जानिए कैसे
EPFO यानि प्रोविडेंट फंड डिपार्टमेंट ने 1 जून 2021 से ऐसा नियम बना दिया है, जिससे हरेक कर्मचारी के लिए UAN अर्थात यूनिवर्सल अकाउंट नंबर को कर्मचारी के Aadhaar से लिंक कराना होगा। अगर उसका पीएफ अकाउंट (UAN) Aadhaar से लिंक नहीं होगा तो उसका अंशदान जमा नहीं हो पाएगा। इसके साथ ही वह व्यक्ति अपने PF की निकासी भी नहीं कर सकेगा।
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और CA मनीष कुमार गुप्ता के मुताबिक इसके मायने हैं कि कर्मचारी का पीएफ कटेगा लेकिन नियोक्ता का अंशदान सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों का जमा हो सकेगा, जिनका PF अकाउंट आधार से जोड़ा जा चुका है। ऐसे में कर्मचारी का एम्पलाई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस अर्थात EDLI भी जमा नहीं हो सकेगा। वह व्यक्ति बीमा कवर से बाहर हो जाएगा।
इनकम टैक्स में राहत नहीं
इसका असर यह भी होगा कि UAN को आधार से लिंक न हो पाने की वजह से नियोक्ता अपना अंशदान भी जमा नहीं कर सकेगा और इस रकम को आयकर में खर्च के तौर पर स्वीकृत नहीं माना जाएगा। अगर किसी व्यक्ति के पास PF का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नहीं है तो उसका प्रोविडेंट फंड संबंधित काम करने से पहले UAN लेना ही होगा।
क्या है EDLI
Covid mahamari के कारण श्रम मंत्रालय ने डेथ इंश्योरेंस बेनिफिट की रकम को बढ़ा दिया है। एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम, 1976 के तहत दी जाने वाली बीमा रकम की सीमा बढ़कर सात लाख रुपए हो गई है। इससे खाताधारक की मौत पर कम से कम बीमा रकम को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये और अधिकतम रकम को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके पहले यह रकम 2 लाख रुपये और 6 लाख रुपये थी। यह रकम तब मिलती है जब खाताधारक की असमय मौत हो जाए।
जिस तरह से इनकम टैक्स में परमानेंट अकाउंट नंबर यानि PAN को आधार से लिंक कराने की जो प्रक्रिया चल रही है, ठीक उसी तरह की प्रक्रिया सरकार ने PF विभाग में भी कर दी है। इसका नतीजा यह होगा कि जो नियोक्ता नकली कर्मचारियों को अपने संस्थान में कार्यरत दिखाते थे, वह अब पहचान लिए जाएंगे और बिना आधार लिंक कराए अब वह अपना पुराना PF भी नहीं निकल पाएंगे। फर्जी कर्मचारियों और ऐसे इनकम टैक्स में चोरी करने वाले नियोक्ताओं के लिए यह एक बड़ा झटका है।
फर्जी कर्मचारी आएंगे पकड़ में
PF के आधार से लिंक होने का मतलब यह है कि अब इन दोनों विभागों के आंकड़े Aadhaar से लिंक हो जाएंगे और अब ऐसे फर्जी कर्मचारी इनकम टैक्स देने से बच नहीं पाएंगे। आर्थिक मामलों में सरकार का मिशन यह है की सभी संबंधित विभागों के आंकड़े एक दूसरे से साझा होते रहें ताकि बेहतर नियंत्रण रहे और किसी भी स्तर पर Tax चोरी ना हो।
डेढ़ साल में दिखेगा रिजल्ट
यह सरकार की यह लंबी प्रक्रिया है, जिसके परिणाम एक से डेढ़ साल में देखने को मिलेंगे, जब पीएफ और इनकम टैक्स के आंकड़े एक दूसरे से पूरी तरह लिंक हो जाएंगे। अगर किसी कर्मचारी की UAN डिटेल्स आधार से लिंक नहीं, उसके आधार से मेल नहीं खाते हैं तो वह लिंक नहीं होंगे और ऐसे में आधार या UAN में किसी एक को ठीक कराना होगा। इसके लिए विभाग को एक समयसीमा भी तय कर देनी चाहिए।