09 April, 2025 (Wednesday)

यह हैं भाजपा के पन्‍ना प्रमुख, एक-एक पर होती है 50 से 60 वोटर सहेजने की जिम्मेदारी Gorakhpur News

विधानसभा चुनाव- 2022 के लिए भाजपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत मतदाता सूची को दुरुस्त कराने में कार्यकर्ता लग गए हैं। उसके बाद पन्ना प्रमुखों के नाम तय किए जाएंगे। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी बूथ स्तर पर वोटों को सहेजने की जिम्मेदारी पन्ना प्रमुखों को ही सौंपी जाएगी।

मतदाता पुनरीक्षण अभियान के बाद तय होंगे पन्ना प्रमुखों के नाम

भाजपा हमेशा से ही बूथ प्रबंधन की रणनीति पर जोर देती रही है। इस बार भी जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, पार्टी ने बूथ मजबूत करने की प्रक्रिया को जोर पकड़ा दिया है। बीते दिनों हुई मंडल प्रभारियों की बैठकें इस प्रक्रिया का हिस्सा थीं, जिसमें अलग-अलग जगहों पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने हिस्सा लेकर कार्यकर्ताओं की हौसलाफजाई की। मतदाता पुनरीक्षण का कार्य भी शुरू हो चुका है। बोगस वोटर को मतदाता सूची से बाहर करने और नए वोटरों को उसमें शामिल करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोर लगा दिया है।

मतदाता सूची के पन्ने स्तर पर भी चुनावी रणनीति में कोई कसर न रह जाए, इसके लिए जल्द पन्ना प्रमुखों के नाम तय किए जाएंगे। पन्ना प्रमुख मतदाता सूची के अपने लिए निर्धारित पन्ने की चिंता करेंगे। अगर कोई बोगस वोट है तो उसे सूची से बाहर कराएंगे और अगर किसी परिवार के किसी सदस्य का नाम छूटा है तो उसे वोटर बनवाएंगे। पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी यहीं समाप्त नहीं होगी, वह यह भी सुनिश्चित करेेंगे कि जिस पन्ने का प्रमुख उन्हेें बनाया गया है, उस पन्ने पर मौजूद हर वोट जरूर पड़े, वह भी भाजपा के पक्ष में। इसके लिए उन्हें टीम बनाकर वोटरों के संपर्क में निरंतर बने रहना होगा।

हर पन्ना प्रमुख पर होगी 50 से 60 वोटर की जिम्मेदारी

आमतौर पर बूथ स्तर पर हर वोटर लिस्ट में 800 से 1200 तक मतदाता होते हैं। उनके नाम करीब 16 से 18 पन्नों में दर्ज होते हैं। हर पन्ने पर अमूमन 50 से 60 वोटरों के नाम होते हैं। बूथ अध्यक्ष और उनकी टीम वोटर लिस्ट के मुताबिक ही कार्य करती है। लिस्ट के एक-एक पन्ने पर दर्ज हर मतदाता का वोट सहेजने के लिए एक-एक कार्यकर्ता नामित किया जाता है, जो उस पन्ने में मौजूद वोटरों की चिंता करता है। इन्हें ही पन्ना प्रमुख कहा जाता है।

मतदान की दृष्टि से बूथ मैनेजमेंट के क्रम में चुनाव से पहले पन्ना प्रमुखों का मनोनयन किया जाता है। पन्ना प्रमुखों पर मतदाताओं को सहेजने की महती जिम्मेदारी होती है, इसलिए उन्हें पार्टी की ताकत के तौर पर देखा जाता है। – डा. धर्मेंद्र सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष, भाजपा। 

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