TRAI का बड़ा एक्शन, फर्जी SMS और Calls पर रोक लगाने के लिए बैंकों को दिए निर्देश
भारतीय ग्राहकों को स्पैम कॉल्स, मैसेज और फ्रॉड को मामलों से बचाने के लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया लगातार काम कर रही है। TRAI की तरफ से हाल ही में जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनल को 30 दिन के अंदर फ्रॉड कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। अब कंपनी ने स्पैम मैसेज और फ्रॉड के मामलों को रोकने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को भी निर्देश जारी किया है।
TRAI ने बैंको और वित्तीय संस्थाओं से कहा है कि जल्द से जल्द मैसेज हैडर्स और कॉन्टैक्ट टेम्पलेट के वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरी की जाए ताकि फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर नकेल कसी जा सके। ट्राई ने पहले टेलीकॉम कंपनियों को वॉर्निंग दी थी अब बैंकों को भी अल्टीमेटम दे दिया गया है। TRAI ने कहा कि स्पैम मैसेज को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए इस बारे में अगल दो हफ्ते में रिव्यू करेंगे और जरूरत पड़ी तो आगे नए आदेश भी जारी किए जाएंगे।
कॉमर्शियल मैसेज के लिए जरूरी है रजिस्टर्ड हेडर
आपको बता दें, बैंक, वित्तीय संस्थान, इंश्योरेंस कंपनी, ट्रेडिंग कंपनी व बिजनेस कंपनी SMS के जरिए अलग अलग टेलीकॉम सर्विस प्रवाइडर कंपनियों को कॉमर्शियल मैसेज भेजती है। अगर हम रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की बात करें तो कॉमर्शियल मैसेज के लिए कंपनियों को रजिस्टर्ड हेडर असाइन किया जाता है। कंपनियों को कॉन्टेंट टेम्पलेट की जरूरत होती है। कॉर्मिशियल मैसेज के लिए इनकी जरूरत होती है। अगर कंपनी इनका इस्तेमाल नहीं करती तो SMS को ग्राहकों को भेजने की अनुमति नहीं होती।
AI फिल्टर यूज करने के दिए निर्देश
TRAI पिछले काफी वक्त से स्पैम कॉल, स्पैम मैसेज और अनवॉन्टेड कॉमर्शियल प्रमोशनल मैसेज को रोकने के लिए कदम उठा रहा है। TRAI ने हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिस्टम में एक AI फिल्टर का इस्तेमाल करने को कहा था जिससे यूजर्स पहचान सकें कि कोई कॉल नॉर्मल कॉल है या फिर कॉमर्शियल कॉल है।