तमिलनाडु: नीट विवाद को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक ने किया राज्यपाल के ‘एट होम रिसेप्शन’ का बहिष्कार
नीट विवाद को लेकर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और राजभवन के बीच पहले से ही टकराव के बीच मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने नीट विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए अग्रेषित करने में देरी का विरोध करते हुए राज्यपाल आर. एन. रवि की ओर से गुरुवार शाम आयोजित ‘एट होम रिसेप्शन’ का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु ने आठ फरवरी को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में सर्वसम्मति से पारित दूसरे प्रस्ताव की स्थिति का पता लगाने के लिए राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद यह घोषणा की। पिछला विधेयक पिछले साल सितंबर में पारित हुआ था, जिसे राजभवन ने 140 से अधिक दिन बाद पुन:विचार के लिए सरकार को वापस भेज दिया था।
राज्य सरकार ने दोनों प्रस्तावों में कहा कि तमिलनाडु को ग्रामीण छात्रों और आर्थिक रूप से गरीब तथा हाशिए के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए नीट के दायरे से छूट दी जानी चाहिए तथा बारहवीं के अंकों के आधार पर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि द्रमुक सांसदों ने पहले ही इस मुद्दे को संसद के पटल पर उठाया था और राष्ट्रपति की सहमति के लिए विधेयक को अग्रेषित नहीं करने तथा कई विधेयकों को महीनों तक लंबित रखने को लेकर राज्यपाल को वापस बुलाने की भी मांग की थी।
द्रमुक सरकार का राज्यपाल के रिसेप्शन के बहिष्कार का फैसला उसके कुछ सहयोगियों , दो वाम दलों, भाकपा और माकपा, वीसीके और एमएमके के नीट विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजने में देरी का विरोध करते हुए रिसेप्शन के बहिष्कार की घोषणा की
के एक दिन बाद आया है।
द्रमुक की घोषणा के बाद, उसकी प्रमुख सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि वह भी राज्यपाल के रिसेप्शन का बहिष्कार करेगी।
यामिनी,आशा