सुनील गावस्कर ने कहा-पांचवें दिन की पिच पर टिकना नामुमकिन नहीं था
कानपुर में न्यूजीलैंड की टीम किसी तरह मुकाबले को ड्रा कराने में कामयाब रही। पहले पत्र में शानदार प्रदर्शन के बाद न्यूजीलैंड की खराब बल्लेबाजी ने टीम इंडिया को मैच में वापसी का मौका दे दिया। और जब दूसरे सत्र में भारत को विकेट मिलने शुरू हुए तब वो मेजबान टीम पर और दबाव बनाते चले गए। क्योंकि वो जान चुके थे कि विपक्षी टीम अब जीत के लिए नहीं, बल्कि मैच बचाने के लिए खेल रही है।
लंच के वक्त अजिंक्य रहाणे और विल समरविले थोड़े चिंतित होंगे। वो इसलिए क्योंकि टाम लाथम और समरविले ने ऐसा प्लेटफार्म तैयार कर दिया था जिसके बाद न्यूजीलैंड के आगामी बल्लेबाज सामान्य खेल खेलकर टीम को विजयी मंजिल तक ले जा सकते थे। तभी समरविले लंच के बाद पहली ही गेंद पर आउट हो गए जब शुभमन गिल ने डाइव लगाते हुए उनका शानदार कैच लिया। और जब कप्तान केन विलियमसन पिच पर आगे निकलकर स्पिनर के सिर के ऊपर से चौका लगाया तो लगा जैसे न्यूजीलैंड की टीम जीत की ओर देख रही है। फिर अचानक से मेहमान टीम ने शटर गिरा दिया और इससे रहाणे एंड कंपनी को कैचिंग पोजीशंस पर फील्डर लगाकर दबाव बनाने का मौका मिल गया।
पांचवें दिन की पिच बल्लेबाजी के लिए बुरी नहीं थी जैसा कि पहले सत्र में देखने को भी मिला। हां, ये जरूर था कि कुछ गेंदें टर्न ले रही थी तो कुछ बिल्कुल नीची रह रही थीं। लेकिन फिर भी ये बल्लेबाजी के लिए ऐसी पिच नहीं थी जिस पर खेलना नामुमकिन था। भारतीय स्पिनरों ने लगातार बल्ले पर गेंद खिलाई और स्टंप को निशाना बनाकर गेंदबाजी की। उन्होंने कमाल का धैर्य भी दिखाया जिसका उन्हें तब पुरस्कार मिला जब गेंद घूमने लगी और बल्लेबाजों को चकमा देने लगी। उन्होंने विकेट लेने के लिए कड़ी मेहनत की और इस जबरदस्त प्रयास के लिए वो प्रशंसा के हकदार हैं।
रहाणे ने उमेश यादव का अच्छा इस्तेमाल किया लेकिन इशांत शर्मा फील्डिंग करते हुए अंगुली में लगी चोट के बाद से रंग में नहीं दिखे। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल्स में जगह दांव पर है और ऐसे में इस मैच में बंटे अंक सीरीज बढ़ने के साथ बड़ा असर डालेंगे। मुंबई टेस्ट के लिए दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन में बदलाव होने की संभावना है। विराट कोहली भारतीय टीम में लौटेंगे, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि उनकी जगह किसे बाहर किया जाता है। वहीं, न्यूजीलैंड की टीम एक ऐसी पिच पर नील वैगनर को शामिल कर सकती है जो कानपुर की तुलना में निश्चित रूप से अधिक उछालभरी होगी।