17 April, 2025 (Thursday)

सुहानी बनकर नवरात्र व्रत रखती थी शहाना, मौत के बाद खुला राज

बक्शीपुर में शहाना मल्ल हास्पिटल वाली गली में दारोगा राजेंद्र सिंह के साथ 10 माह से रहती थी। दारोगा ने उसका नाम सुहानी सिंह रखा था। किसी को संदेह न हो इसलिए व सिंदूर, बिंदी भी लगाती थी। नवरात्र का व्रत रखने के साथ ही वह पूजा करती थी। पड़ोसियों ने बताया कि उसका नाम सब लोग सुहानी सिंह जानते थे। घटना के बाद पता चला उसका नाम शहाना है। बक्शीपुर से पहले वह तिवारीपुर में किराए पर कमरा लेकर रहती थी।

दारोगा के दबाव में थी शहाना

हसमुख और मिलनसार स्वभाव की शहाना ने दारोगा के दबाव में वह सबकुछ किया जो उसने कहा। दारोगा के कहने पर उसने अपना नाम सुहानी सिंह रख लिया। मकान मालिक के साथ ही पड़ोस में रहने वाले लोग भी उसका यही नाम जातने थे। नवरात्र के पहले व आखिरी दिन व्रत रहने के साथ ही उसने घर पर पूजा भी किया। दारोगा के प्रताडि़त करने के बाद भी 10 माह तक उसने किसी को यह नहीं बताया कि उसका नाम शहाना है। पड़ोसियों की माने तो कई बार ऐसा भी हुआ कि घर छोड़ने के लिए शहाना ने अपना सामान उनके घर रख दिया लेकिन दारोगा जबरन उठा ले गया। बातचीत में वह कहती थी कि बेटे की वजह से इस बूढ़े आदमी प्रताड़ना सह रही हूं, नहीं तो छोड़कर चली जाती। एलआइयू की स्पेशल ब्रांच में तैनात राजेंद्र सिंह अपने सहकर्मियों से कहना था कि भोजन बनाने के लिए शहाना को कमरे पर रखा हूं। कई बार वह उसे अपने गांव भी ले गया था। वहां भी यही बताया था कि शहाना उसका खाना बनाती है।

2020 में जन्मे बेटे का नाम रख दिया ट्वेटी

दिसंबर 2020 में जन्म होने की वजह से शहाना ने बेटे का नाम ट्वेटी रख दिया था।मकान मालिक और पड़ोसियों ने बताया कि इसको लेकर कई बार सवाल किया तो हंसते हुए शहाना ने कहा कि 2020 में जन्म होने की वजह से इसका नाम ट्वेटी रखा है।

बेखौफ दारोगा ने थाने में शहाना के भाई को धमकाया

हत्या का आरोप लगने पर हिरासत में लिया गया दारोगा राजेंद्र सिंह तीन दिन तक कोतवाली पुलिस की हिरासत में रहा। रविवार को मुकदमा दर्ज होने के बाद रात में कोतवाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले वह थाने में बेखौफ रहा। दूसरे दारोगा व सिपाही उसे पान व गुटखा खिलाते रहे। शहाना के भाई ने बात करने और फोटो लेने का प्रयास किया तो सबके सामने ही जान से मारने की धमकी देते हुए भगा दिया। 15 अक्टूबर की सुबह से कोतवाली थाने में बैठाए गए दारोगा राजेंद्र सिंह के चेहरे पर कोई सिकन नहीं था। पूरे रौब के साथ वह थाना परिसर में घूमता रहा। दारोगा व सिपाही फोन पर उसकी परिचितों से बातचीत कराते रहे। शहाना के स्वजन रविवार को थाने पहुंचे तो पहले दारोगा राजेंद्र सिंह से बात करने का प्रयास किया लेकिन उसने मुंह फेर लिया। छोटे भाई कैफ के फोटो खींचने और यह पूछने पर कि बहन को क्यों मारा उखड़ गया। थाने में सबके सामने ही मारने की धमकी देने लगा। आरोपित दारोगा इस बात को लेकर बेफिक्र था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामला रफा-दफा हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एसएसपी के आदेश पर केस दर्ज कर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

मुंबई जाना चाहती थी शहाना, तैयार नहीं था दारोगा

मुंबई में रहने वाली शहाना की बुआ की बेटी की 21 अक्टूबर को शादी है। शादी में शामिल होने के लिए मां,बहन और भाई के साथ वह भी जाना चाहती थी।शादी के बाद उसकी छोटी बहन समसा की सगाई होनी थी।स्वजन ने बताया कि शहाना भी साथ में जाना चाहती थी लेकिन दारोगा ने मना कर दिया।गुरुवार की रात में फोन पर बातचीत हुई तो शहाना ने कहा कि वह भी चलेगी।जिसके बाद मुंबई में रहने वाले जीजा ने तत्काल टिकट के लिए एजेंट से बात की।

घटना से एक दिन पहले घर गई थी, मां से कहा था प्रताडि़त करता है राजेंद्र

तरदरुननिशा का कहना है कि घटना से एक दिन पहले शहाना चुपसे मिलने गांव आयी थी। उसने बताया कि राजेंद्र सिंह ने जीवन नरक बना दिया है। उसे किसी से मिलने नहीं देता है। कहता है कि मां-बाप व रिश्तेदारों से दूर रहो, किसी के घर मत जाओ।बुआ की बेटी की शादी व बहन की सगाई में शामिल होने के लिए वह मुंबई जाना चाहती थी। मुंबई से गोरखपुर पहुंचे शहाना के जीजा जावेद ने बताया कि गुरुवार की रात में फोन पर घरवालों से बात हुई तो शहाना ने कहा कि तत्काल टिकट ले लिजिए मैं भी चलूंगी। टिकट के लिए उन लोगों ने एजेंट से बात भी कर ली थी। लेकिन 15 अक्टूबर की सुबह पांच बजे उसकी मौत होने की सूचना मिली। िजिसके बाद बातचीत होने पर उसने कहा टिकट करा दीजिए

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