04 December, 2024 (Wednesday)

बरेली में स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, मरीज भर्ती नहीं हुए फिर भी जारी कर दी स्टार्टर किट

Starter Kit News : कोरोना काल में निजी अस्पताल हों, मेडिकल स्टोर या फिर सर्जिकल स्टोर अधिकांश आपदा में अवसर तलाशते नजर आए। निजी अस्पताल ही नहीं, सरकारी अस्पताल में भी गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। 300 बेड कोविड अस्पताल में भी गड़बड़ी के कुछ केस सामने आ चुके हैं।

300 बेड कोविड अस्पताल में भी एक ऐसे ही गड़बड़झाले की सुगबुगाहट चल रही है। दरअसल, अभी तक के रिकार्ड में कोविड अस्पताल में पांच जून को आखिरी दिन मरीज भर्ती रहा। इसके बाद से अस्पताल में कोई कोविड संक्रमित भर्ती नहीं हुआ। लेकिन यहां फार्मासिस्ट ने इसके बाद भी मरीजों को दी जाने वाली स्टार्टर किट व अन्य चीजें बड़े पैमाने पर जारी की हैं।

इनमें साबुन, टूथब्रश, तेल, डिटरजेंट पाउटर जैसी अन्य चीजें हैं। जारी स्टार्टर किटों की कुल कीमत हजारों रुपये में है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब कोविड अस्पताल में मरीज ही नहीं तो इतना सामान क्यों जारी हुआ। मामला अब उच्चाधिकारियों के संज्ञान में भी पहुंचा है।

सात जून को स्टार्टर किट व अन्य सामान 

टूथब्रश-100, टूथपेस्ट-100, साबुन-100, टूथपेस्ट विद ब्रश-54, डिटर्जेंट पाउडर-100 किलोग्राम, डस्टर-120, बालों का तेल-50, फाइल कवर-160, गोंद-10, नीले पेन-100, मार्कर-50, पतले मार्कर-30, पेपर वेट-12, ए-4 साइज रिम-05, स्टेपलर पिन-10 बॉक्स, मीडिया स्टेपलर-06 पीस, रजिस्टर-10, लाल पेन-09। इस सूची के साथ कागज पर 50 फीसद ही सामान मिलने की बात लिखी गई है। हालांकि सभी सामान 50 प्रतिशत दिए हैं या फिर कुल 18 आइटम में नौ ही मिले हैं, यह स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा अन्य दिनों में भी सामान जारी होने की बात कही जा रही है।

अप्रैल-मई महीने में अधिकांश समय नहीं दी स्टार्टर किट

मामले में एक और खास बात सामने आ रही है कि दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई महीने में कोरोना संक्रमण चरम पर था। इस दौरान अस्पताल में 100 से 150 संक्रमित भर्ती रहते थे। खास बात कि इस दौरान जारी किए सामान में बहुत कम स्टार्टर किट दिखती है। अधिकांश दिन तो कोरोना संक्रमितों के लिए स्टार्टर किट जारी ही नहीं की गई।

खाली स्टाक क्लियर करने का तो खेल नहीं

पिछले काफी समय से कोविड अस्पताल में एक ही फार्मासिस्ट पर काफी जिम्मेदारी थीं। मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ.सुबोध शर्मा ने 300 बेड नोडल अधिकारी ने ज्वाइन किया। लगातार शिकायत और कुछ फार्मासिस्टों के पास कम देखते हुए उन्होंने एक अन्य फार्मासिस्ट को जिम्मेदारी सौंप दी। बताते हैं कि चार्ज पर किसी और फार्मासिस्ट आने की बात पता चलने पर स्टाक आनन-फानन में जारी दिखाया गया। जबकि हकीकत में स्टाक काफी पहले से नहीं था।

प्रभारी अधिकारी तक भी पहुंची थी शिकायत

अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि करीब दस दिन पहले 300 बेड कोविड अस्पताल के एक स्टाफ ने स्टार्टर किट व अन्य सामान जारी दिखाकर हजारों रुपये के आए दिन घोटाले की जानकारी अस्पताल प्रभारी को दी थी। लेकिन इस पर जांच शुरू होने से पहले ही प्रभारी की तबीयत बिगड़ गई और तब से वे लगातार मेडिकल लीव पर हैं।

कोविड अस्पताल में पांच जून के बाद से कोई मरीज भर्ती नहीं है। बावजूद इसके अस्पताल में स्टार्टर किट व अन्य सामान जारी होने की जानकारी मिली है। योग्य अधिकारी से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। – डॉ.एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली

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