श्री श्री रविशंकर को अमेरिका में मिला ‘द एमिसरी ऑफ पीस’ सम्मान, विश्व शांति के लिए एकजुट होने की अपील
वाशिंगटन: आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को नेशनल सिविल राइट्स म्यूजियम (एनसीआरएम) द्वारा ‘द एमिसरी ऑफ पीस’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका के मेम्फिस शहर में प्रदान किया गया। श्री श्री अपने ‘आई स्टैंड फॉर पीस’ दौरे के तहत सोमवार को मेम्फिस पहुंचे थे। बता दें कि नेशनल सिविल राइट्स म्यूजियम अमेरिका में अहिंसा और सामाजिक परिवर्तन के लिए विख्यात है।
श्री श्री रविशंकर को यह पुरस्कार प्रदान करते हुए एनसीआरएम बोर्ड की डायरेक्टर शैला करकेरा ने कहा, ‘ नेशनल सिविल राइट्स म्यूजियम की ओर से गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को ‘द एमिसरी ऑफ पीस’ पुरस्कार प्रदान करना हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी और सौभाग्य की बात है। एक वैश्विक मानवतावादी, एक शांति दूत और सुदर्शन क्रिया योग कार्यक्रमों के संस्थापक के तौर पर आपने 180 देशों में लाखों लोगों तक अपनी पहुंच बनाई है.. आपके इस अतुलनीय कार्य के लिए हम आपको यह खास पुरस्कार प्रदान करते हुए सम्मानित महसूस कर रहे हैं।’ इस कार्यक्रम में एनसीआरएम बोर्ड के चेयरमैन हर्ब हिलियार्ड भी मौजूद थे।
मेम्फिस में श्री श्री के ‘आई स्टैंड फॉर पीस’ कार्यक्रम में एक हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। इन लोगों ने आंतरिक और बाहरी शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। श्री श्री ने खास तौर से युवाओं के बीच हिंसा को कम करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए नगर परिषद, शिक्षा विभाग और न्याय विभाग के सदस्यों सहित स्थानीय अधिकारियों से भी मुलाकात की।
इस अवसर पर श्री श्री ने ने कहा, ‘आइए हम वैश्विक शांति के संदेश को फैलाने के लिए एक साथ आएं। व्यक्तिगत शांति के बिना विश्व शांति असंभव है। यदि हम बाहरी शांति प्राप्त करने की आशा रखते हैं तो हमें आंतरिक शांति अवश्य प्राप्त करनी चाहिए।’
इस महीने की शुरुआत में, मार्टिन लूथर किंग, जूनियर सेंटर फॉर नॉनवायलेंट सोशल चेंज में गांधी फाउंडेशन ने श्री श्री को दुनिया में शांति, अहिंसा और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए गांधी पीस पिलग्रिम पुरस्कार से सम्मानित किया।
गुरुदेव की वैश्विक ‘आई स्टैंड फॉर पीस’ यात्रा अगले साल वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल मॉल में मानवता के भव्य उत्सव के साथ समाप्त होगी। इसी जगह पर डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने 60 साल पहले ‘आई हैव ए ड्रीम’ जैसा प्रसिद्ध भाषण दिया था। अब एक बार फिर इसी जगह से श्री श्री विश्व शांति का संदेश देंगे।