बसंत कालीन गन्ने की वैज्ञानिक खेती करने के लिए किसानों को किया गया जागरूक
कुशीनगर । छितौनी गन्ना विकास परिषद के तत्वाधान में बसंत कालीन गन्ने की वैज्ञानिक खेती के प्रति बैरागी पट्टी गांव में सैकड़ों किसानों को जागरूक किया गया। जिसकी अध्यक्षता राजकुमार सिंह अध्यक्ष गन्ना समिति तथा संचालन ग्राम प्रधान राजकुमार कुशवाहा ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गन्ना किसान संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि गन्ने की जो प्रजा सूख गई है उसकी बुवाई न करें गन्ने की प्रमुख प्रजातियां को से 84 52 , 111 453 , 13 452 कोयंबटूर जीरो 118 , 980 14 , 14201 , 94 184 , 9232 आदि पर जातियों की बुवाई करें ।यह गन्ने के साथ सह फसली बुवाई गन्ने के दो लाइनों के बीच प्याज की चार लाइन बुवाई करें प्याज बोने से गन्ने का औसत उपज बढ़ेगा तथा गन्ने में लगने वाला सबसे हानिकारक अंकुर वेधक कीटाणु का शत-प्रतिशत नियंत्रण होगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी।
गन्ना समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि गन्ना विकास से ही किसानों का विकास होगा होगा आज की गोष्टी से किसानों में जागरूकता फैलेगी। गन्ने के साथ-साथ लहसुन टमाटर गोभी आदि का खेती करें। इस सत्र में अधिक वर्षा से जिले का 500 करोड़ से अधिक का गन्ना सूख गया है।इस अवसर पर जस्ट गन्ना विकास निरीक्षक हरिमोहन यादव ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा 500000 बनने का पौधा किसान के खेत व महिला समूह द्वारा तैयार किया गया है किसान इसे लेकर अपने खेत में बुवाई कर सकते हैं।
इस गोष्ठी में किसान महेंद्र कुशवाहा, रामा शंकर कुशवाहा, रविंदर, बंका, रामाश्रय, महेंद्र प्रताप, राम सेन, सैफुद्दीन तथा गन्ना पर्यवेक्षक आदि लोग उपस्थित रहे।