Sovereign Gold Bond: फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय यहां करें निवेश, ये हैं 11 बड़े फायदे
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign gold bonds) स्कीम 2020-21 की बारहवीं श्रृंखला सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गई है। इस श्रृंखला में एक मार्च से सब्सक्रिप्शन शुरू हो गए हैं, जो पांच मार्च तक चलेंगे। एसजीबी (SGB) स्कीम की इस श्रृंखला में एक ग्राम सोने की कीमत 4662 रुपए तय की गयी है। इस स्कीम के तहत जो निवेशक ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल माध्यम से भुगतान करेंगे, उन्हें इश्यू प्राइस में प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जा रही है। ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड की इश्यू प्राइस 4,612 रुपये प्रति 1 ग्राम है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना को लॉन्च करने का उद्देश्य सोने की हाजिर मांग को कम करना और सोने की खरीद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घरेलू बचत के एक हिस्से को वित्तीय बचत में तब्दील करना था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के कई सारे फायदे हैं। फिजिकल गोल्ड खरीदने की तुलना में गोल्ड बॉन्ड खरीदना काफी फायदेमंद होता है। आइए इन फायदों के बारे में जानते हैं।
1. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये जाते हैं। इसलिए इनकी सॉवरेन गारंटी होती है।
2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का एक खास फायदा यह है कि यह प्रारंभिक निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर के साथ आता है। ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा होता है।
3. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बैंक (स्मॉल फाइनेंस बैंक एवं पेमेंट बैंक को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, निर्धारित पोस्ट ऑफिस एवं मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं।
4. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं लगता है। वहीं, सोने के सिक्के और गोल्ड बार आदि खरीदने पर जीएसटी लगता है। जब आप डिजिटल गोल्ड खरीदते हो, तो भी आपको 3 फीसद जीएसटी देना होता है।
5. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है।
6. फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित स्थान पर जैसे लॉकर आदि में रखने की जरूरत होती है, उसकी चोरी का भी ड़र रहता है, लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करके आप इसे लॉकर में रखने के खर्च और चोरी होने के जोखिम से बच सकते हैं।
7. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल होते हैं।
8. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक मैच्योरिटी के समय की सोने की बाजार कीमत मिलने और आवधिक ब्याज के बारे में आश्वस्त होते हैं।
9. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश से आप जुलरी के रूप में सोने की खरीदारी के साथ मेकिंग चार्जेज और शुद्धता जैसे मुद्दों से मुक्त होते हैं।
10. एसजीबी पर ब्याज करयोग्य होता है, लेकिन बॉन्ड्स के रिडंप्शन के समय पूंजीगत लाभ पर टैक्स में इंडिविजुअल्स के लिए छूट होती है।
11. एसजीबी का उपयोग लोन्स के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।