सोलर एनर्जी का लक्ष्य पाने को हर साल करना होगा 1.19 लाख करोड़ का निवेश
भारत ने वर्ष 2030 तक नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता का लक्ष्य 450 गीगावाट (4.50 लाख मेगावाट) का रखा है और इनमें से 280 गीगावाट (2.80 लाख मेगावाट) की हिस्सेदारी सोलर ऊर्जा की होगी। सिर्फ सोलर ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले नौ साल तक प्रत्येक वर्ष 1.19 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। हालांकि इतने बड़े पैमाने पर सोलर उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत में सोलर पैनल और इनसे जुड़े अन्य प्रकार के आइटम की उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर भारत को भारी मात्रा में आयात करना होगा।
सोलर उत्पादन में 2022 के लक्ष्य से पीछे
एमएनआरई मंत्रालय ने वर्ष 2022 तक 1.75 लाख मेगावाट नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा था। इनमें एक लाख मेगावाट की हिस्सेदारी सोलर पावर की थी। हालांकि सोलर उत्पादन क्षमता की स्थापना की अब तक की प्रगति को देखकर अगले साल तक सोलर उत्पादन क्षमता को एक लाख मेगावाट तक ले जाना आसान नहीं दिख रहा है।
इस साल अगस्त तक सोलर बिजली उत्पादन की क्षमता 40.5 हजार मेगावाट तक ही पहुंच पाई है। अगले एक साल में लगभग 60 हजार मेगावाट क्षमता की स्थापना करनी होगी। मंत्रालय का दावा है कि सोलर उत्पादन से जुड़ी लगभग 36.50 हजार मेगावाट की निविदाएं अंतिम अवस्था में हैं और 18 हजार से अधिक के लिए निविदाएं जारी कर दी गई हैं।