23 November, 2024 (Saturday)

श्रीलंका में जारी हिंसक प्रदर्शनों में सात की मौत

श्रीलंका में सरकार समर्थकों और सरकार विरोधियों के बीच भड़की हिंसा में 220 लोगों से अधिक घायल हो गये और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गयी। मंगलवार को मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गयी !

श्रीलंका पोदुजन पेरामुना (एसएलपीपी) समर्थकों पर कोलंबों के गाले फेस ग्रीन में सरकार विरोधियों से सोमवार को हमला किया। एसएलपीपी कार्यकर्ताओं और पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच बैठक के बाद हिंसा भड़की।

विपक्ष के नेता सजीत प्रेमदासा ने सोमवार को कहा कि हिंसा, आपातकाल कानून और झूठे समर्थनक देश में परिवर्तन की बयार को नहीं रोक पायेंगे।

उन्होंने लोगों से अहिंसा अपनाने की अपील करते हुए कहा कि यह केवल सच्चा और स्वीकार्य मार्ग है।

श्री प्रेमदासा ने एक और ट्वीट में कहा “ सरकार समर्थित हिंसा से खुद को बचाने में हम पूरी तरह से समर्थ हैं लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हम बर्दाश्त करने में भी समर्थ हैं। भविष्य के लोग हमें देख रहे हैं कि हम अपना विरोध और गुस्सा उजागर करने के लिए कौन सा रास्ता चुनते हैं।”

पुलिस के अनुसार इस हिंसा में अभी तक 220 से अधिक लोग घायल हुए हैं और कम से कम सात लोग मारे गये हैं। न्यूज वायर के अनुसार टेंपल ट्रीज़ में कल देर रात भड़की हिंसा के दौरान आंसू गैस का एक गोला फटने से 24 साल का पुलिस उपनिरीक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। श्री लंका के समाचार पत्र ‘डेली मिरर’ ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया कि इमादुवा प्रदेश सभा के चेयरमैन ए वी सरत कुमार के घर पर हुए हमले के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गयी।

वाहन से यात्रा पर जा रहे एसजेबी के सांसद कुमार वेलगामा पर कुछ लोगों के समूह ने होमागमा में महाकुंबुरा में पिछली रात हमला कर दिया। इस बीच श्रीलंका के मानवाधिकारी आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक सी डी विक्रमरत्ने और सैन्य कमांडर जनरल शावेंद्र सिल्वा के खिलाफ समन जारी किया। हिंसा के दौरान कानून व्यवस्था चरमरा जाने के आरोप में दोनों के खिलाफ समन जारी किया गया है।

इस बीच अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशिया मामलों से जुड़े विभाग ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ भड़की हिंसा पर गहरी चिंता जतायी है। ट्वीट में कहा गया “ हम श्रीलंका में स्थिति को नजदीकी से देख रहे हैं और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ भड़की हिंसा पर हम बहुत चिंतित हैं। सभी श्रीलंकाइयों से देश के सामने आये आर्थिक और राजनीतिक संकट के दीर्घकालिक समाधान को खोजने पर ध्यान लगायें।”

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *