सर्बिया के विदेश मंत्री से एस जयशंकर की बातचीत, आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने रविवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए सर्बिया के विदेश मंत्री निकोला सेलाकोविक के साथ भी बातचीत की। जयशंकर ने ट्वीट कर बताया, ‘सर्बिया के विदेश मंत्री निकोला सेलाकोविक के साथ गर्मजोशी भरी और उपयोगी बातचीत हुई। वैश्विक राजनीति में अपने मजबूत जुड़ाव और स्वतंत्र रुख पर फिर प्रतिबद्धता व्यक्त की। दीर्घकालिक खासकर आर्थिक क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।’
दूसरी तरफ एस जयशंकर ने रविवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर उपयोगी बातचीत की। साथ ही रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, संस्कृति, स्वास्थ्य, मानव संसाधन, राजनयिक मसलों व ऊर्जा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की संभावनाएं टटोलीं। सऊदी विदेश मंत्री सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
बातचीत के बाद जयशंकर ने बैठक को सौहार्द्रपूर्ण और फलदायी करार देते हुए कहा कि अल सऊद के साथ अफगानिस्तान, खाड़ी क्षेत्र और हिंद-प्रशांत पर विचारों का बेहद उपयोगी आदान-प्रदान हुआ। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर बताया, उन्होंने सऊदी अरब के लिए सीधी उड़ानों को जल्द बहाल करने का अनुरोध किया और कोरोना से जुड़ी सभी चुनौतियों से मिलकर काम करने पर सहमति बनी। कोरोना महामारी के दौरान भारतीय समुदाय को मदद उपलब्ध कराने के लिए सऊदी अरब की सराहना करते हुए जयशंकर ने भारत से जाने वाले यात्रियों के लिए प्रतिबंधों में और छूट दिए जाने का अनुरोध किया। अल सऊद तीन दिवसीय यात्रा पर शनिवार शाम भारत पहुंचे थे। कोरोना महामारी फैलने के बाद सऊदी अरब के किसी मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि दोनों मंत्रियों ने अफगानिस्तान के हालात के साथ-साथ द्विपक्षीय रिश्तों और आपसी हितों के क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मसलों पर विचार-विमर्श किया। अक्टूबर, 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित सामरिक साझेदारी परिषद समझौते पर अमल की भी दोनों विदेश मंत्रियों ने समीक्षा की। समझौते के तहत हुईं बैठकों और अब तक हुई प्रगति पर दोनों पक्षों ने संतोष व्यक्त किया। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र, जी-20 और खाड़ी सहयोग परिषद जैसे बहुपक्षीय मंचों पर द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। इस दौरान जयशंकर ने कोरोना महामारी के बावजूद पिछले साल जी-20 की सफल अध्यक्षता करने के लिए सऊदी अरब को बधाई दी।
सऊदी विदेश मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भारत दुनिया की सभी प्रमुख शक्तियों के साथ बातचीत में जुटा है। बताते हैं कि जयशंकर और अल सऊद के बीच बातचीत में भी अफगानिस्तान की स्थिति प्रमुख मुद्दा रही। बड़ी क्षेत्रीय शक्ति होने की वजह से अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर सऊदी अरब का रुख खासी अहमियत रखता है क्योंकि कतर और ईरान समेत खाड़ी के कई देश तालिबान के सत्ता पर काबिज होने से पहले अफगान शांति प्रक्रिया में भूमिका निभा रहे थे। अफगानिस्तान के हालात पर भारत खाड़ी क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर और ईरान के साथ संपर्क में रहा है।