सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत बोला- अफगानिस्तान में शांति के लिए UNSC तत्काल कदम उठाए
अफगानिस्तान के हालात को लेकर सोमवार को भारत की अध्यक्षता में एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक हुई। यह पिछले दस दिनों में अफगानिस्तान के हालात पर दूसरी बैठक थी जिसमें भारत समेत तमाम देशों ने अपनी चिंताओं को सामने रखा और तालिबान से अपील की गई है कि वह हिंसा को छोड़ कर राजनीतिक सहमति के जरिये वहां हालात को सामान्य करने की कोशिश करे। भारत ने यूएनएससी से कहा है कि उसकी अगुवाई में अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए कोशिश की जाए।
दुनिया को किया आगाह
साथ ही भारत ने विश्व बिरादरी को फिर आगाह किया है कि सभी को मिल कर यह सुनिश्चित करना होगा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह के आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं हो। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूत्रि ने बैठक में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और सुरक्षा परिषद की यह खास जिम्मेदारी है कि वह अफगानिस्तान में हिंसा के खात्मे व इस संकट के और बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए।
अफगानिस्तान का भविष्य अंधकारमय
भारत ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति बेहद चिंताजनक है। वहां का हर नागरिक बेहद भय में जीवन जी रहा है। वहां का भविष्य अंधकारमय है। भारत ने सभी पक्षों से अफगान में औरतों व अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने और मानवाधिकार के सिद्धांत का पालन करने की अपील की है।
आतंकवाद खत्म करने के लिए उठाना होगा कदम
त्रिमूत्रि ने अपने संबोधन में अफगानिस्तान के हालात को एक बड़ा अवसर मानते हुए सभी देशों से आग्रह किया है कि हमें आतंकवाद को हर रूप में समाप्त करने के लिए कदम उठाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश या क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने के लिए ना हो।
पाकिस्तान को नहीं मिला मौका
बैठक में पाकिस्तान की तरफ से अपनी बात रखने का प्रस्ताव किया गया था जिसे स्वीकार नहीं किया गया। इसको लेकर पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र का इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान को मौका नहीं मिलने पर चीन के राजदूत ने अफसोस जताया। चीन ने उम्मीद जताई है कि तालिबान अपने वादे को पूरा करेगा और वहां की समस्या का राजनीतिक समाधान निकालने में करेगा।