School Bag Policy 2021: जानें किस क्लास के लिए कितना भारी हो सकता है स्कूल बैग, वजन कम करने के लिए ये हैं नियम
School Bag Policy 2021: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी, सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति के विशेषज्ञों द्वारा बनायी गयी हाल ही में 3 दिसंबर 2020 को जारी स्कूल बैग पॉलिसी 2020 को लागू करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने कदम उठाते हुए स्कूलों को एक सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा 4 जनवरी 2021 को राजधानी में स्थित सभी स्कूलों में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू करने के निर्देश दिये हैं। निदेशालय के सर्कुलर में नीति के अऩुसार विभिन्न कक्षाओं के अनुसार होम वर्क की सीमा को निर्धारित करने के साथ ही साथ इन स्टूडेंट्स के लिए उनके स्टैंडर्ड एवं बॉडी वेट के अनुसार स्कूल बैग अधिकतम वजन की सीमा भी निर्धारित की गयी है।
प्री-प्राइमरी के लिए कोई स्कूल बैग नहीं तो 12वीं के लिए अधिकतम 5 किलो
निदेशालय के सर्कुलर के अनुसार प्री-प्राइमरी स्तर के 10 से 16 किलोग्राम वजन वाले बच्चों के लिए स्कूल बैग न ले जाने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं, पहली और दूसरी कक्षाओं के 16 से 22 किलो वजन वाले बच्चों के लिए स्कूल बैग अधिकतम 1.6 से 2.2 किलो रखे जाने की सीमा निर्धारित की गयी है। इसी प्रकार, तीसरी, चौथी एवं पांचवीं की कक्षाओं के 17 से 25 किलो वजन वाले स्टूडेंट्स के लिए स्कूल बैग के भार की सीमा 1.7 से 2.5 किलो रखी गयी है। बात करें अगर छठीं एवं सातवीं कक्षाओं के स्टूडेंट्स की तो 20 से 30 किलो वजन वाले इन कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल बैग अधिकतम 2 से 3 तीन किलो तक हो सकता है। हालांकि, 8वीं कक्षा के 25 से 40 तक वजन वाले स्टूडेंट्स के लिए स्कूल बैग के वजन की सीमा 2.5 से 4 किलो तक निर्धारित की गयी है। सीनियर कक्षाओं में 9वीं एवं 10वीं के स्टूडेट्स के लिए स्कूल बैग 2.5 किलो से 4.5 किलो तक हो सकता है और 11वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल 3.5 से 5 किलो तक रखा जा सकता है।
स्कूल बैग का वजन कम करने के लिए हैं ये प्रावधान
दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी सर्कुलर में राजधानी के स्कूलों के बच्चों के स्कूल बैग के भार की अधिकतम सीमा निर्धारण के साथ-साथ बैग के वजन को कम रखने के लिए कई निर्देश भी दिये गये हैं। इसके अंतर्गत सभी स्कूलों को एससीईआरटी, एनसीईआरटी और सीबीएसई द्वारा निर्धारित सिलेबस को ही लागू करने के निर्देश दिये गये हैं।
- सभी स्कूलों के हेड ऐसा टाइम-टेबल बनायें ताकि बच्चों को किसी भी दिन अधिक टेक्स्टबुक या नोटबुक एक साथ न जानी पड़े।
- खेल, आर्ट एवं कल्चर के साथ-साथ लाइब्रेरी रीडिंग को भी प्रोत्साहित करें।
- हेल्थ, खेल, आर्ट्स, मोरल एजुकेशन आदि को बिना अतिरिक्त टेक्स्टबुक के सभी विषयों में शामिल करें।
- प्री-प्राइमरी स्तर तक कोई भी टेक्स्टबुक नहीं होगी।
- पहली और दूसरी कक्षाओं के लिए सिर्फ एक ही नोटबुक होनी चाहिए। इन कक्षाओं तक होमवर्क नहीं होगा।
- स्कूल द्वारा बच्चों के स्कूल बैग की नियमित रूप से जांच की जाएगी।
- स्कूलों द्वारा सभी पैरेंट्स को स्कूल बैग की क्वालिटी और लाइट-वेट के लिए सूचित किया जाएगा।
- स्कूल बैग को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- स्कूल डायरी को या तो पतला रखें या मोबाइल या ईमेल आदि से पैरेंट्स से सम्पर्क करें।
- फाइल आदि पतली और हल्की होनी चाहिए। पांचवीं के बाद शीट्स वाली फाइल को इस्तेमाल किया जाना चाहिए।