24 November, 2024 (Sunday)

बजट सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, PM मोदी भी होंगे शामिल

बजट सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने आज सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से ठीक पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक बुलाई है। पीएम मोदी भी बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक दोपहर 12 बजे संसद भवन परिसर में होगी। संसद के हर सत्र से पहले इस तरह की बैठक आयोजित होती रही है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्रियों और संसद के दोनों सदनों में पार्टियों के फ्लोर लीडर्स इसमें हिस्सा लेंगे।

सर्वदलीय बैठक में सरकार बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगेगी। विपक्षी दलों से इस सर्वदलीय बैठक के दौरान अपनी चिंता के मामलों को उठाने और बजट सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों को सरकार के सामने रखने की उम्मीद है। इसके बाद दोपहर में एनडीए के फ्लोर लीडर्स की बैठक भी सदन में सहयोग की रणनीति के लिए होगी।

संसद सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा

केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने बताया था कि इस दौरान 66 दिनों में 27 बैठकें होंगी। वहीं, संसद सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से शुरू होगा और 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि 14 फरवरी से 12 मार्च तक अवकाश रहेगा। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। दूसरे चरण में संसद के दोनों सदनों में वित्त विधेयक पर चर्चा की जाएगी, जिसके बाद विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाएगा।

बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण से होगी

बजट सत्र की शुरुआत मंगलवार सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा। मालूम हो कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। तवांग मामले पर राज्यसभा में 17 विपक्षी दलों ने वॉक आउट कर दिया था। इस मामले पर विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों की बैठक भी बुलाई थी। इसके साथ ही खरगे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए विवादित बयान पर भी संसद में काफी हंगामा देखने को मिला था। यही वजह रही कि संसद के शीतकालीन सत्र को समय से पहले समाप्त कर दिया गया था।

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