Safalta Talks : बेहतर जीवन के लिए एक्सपीरिएंसियल लर्निंग जरूरी : सुधीर
विषय : प्रभावी ढंग से जीवन को कैसे प्रबंधित करें
अतिथि वक्ता : सुधीर चौधरी, ,स्किल इनहेंसमेंट ट्रेनर व बीवाईएसटी मेंटर
सफलता.कॉम द्वारा प्रभावी ढंग से जीवन को कैसे प्रबंधित करें विषय पर आयोजित किए मास्टर क्लास सेशन में अतिथि वक्ता सुधीर चौधरी ने कहा कि जो युवा 12वीं, ग्रेजुएशन के बाद कॉलेजों से बाहर निकल रहे हैं और नौकरी के चक्कर में हैं उन्हें उद्यमिता को एक कॅरिअर के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप जो भी काम हाथ में लें या जो भी काम आप करना चाहते हैं उसे ही अपना लक्ष्य बनाएं। कई युवा किसी काम को शुरू करते हैं लेकिन उसका प्रबंधन सही ढंग से न कर पाने के कारण उसे बंद कर देते हैं। जैसे किसी ने बैंक से लोन लिया और किसी बिजनेस को शुरू किया लेकिन मेहनत नहीं की, भविष्य का प्लान नहीं बनाया। बिजनेस ठप हो गया। वो बैंक कृप्ट हो गया। इसी कारण आजकल नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स(NPA) बैंकों में बढ़ते जा रहे हैं। क्योंकि ऐसे युवाओं को बेहतर गाइडेंस नहीं मिल पाता।
आजकल ध्यान भटकाने वाले डिवाइस ज्यादा हैं
चौधरी ने कहा कि आज के जमाने में हर युवा को ये सीखना चाहिए कि जीवन को कैसे प्रबंधित करें। उन्होंने बीते 5 दशक की यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले युवाओं के पास न कम्प्यूटर था, न मोबाइल फोन था। न घरों में टीवी थे। तो उस समय युवाओं के पास कॉलेज के बाद वो दृढ़ संकल्प होता था कि हमारा ये काम है जिसे हमारे अभिभावकों ने या दफ्तर में अधिकारियों ने हमें सौंपा है। तब आपके अंदर ये भी था कि अब हमें कैसे अपना जीवन प्रबंधित करना है। लेकिन आजकल स्थिति उसके बिल्कुल उलट है। घरों में ध्यान केंद्रित न कर पाने के कारण युवाओं को आजकल कोचिंग सेंटरों में भेजा जा रहा है। लेकिन कोचिंग सेंटर में युवा रटना सीख रहे हैं। चौधरी ने युवाओं को कहा कि युवा ऐसा न सोचें कि केवल कोचिंग के जरिये ही वह जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा आजकल युवाओं के पास लैपटॉप, मोबाइल व इंटरनेट सुविधा है लेकिन जीवन में एक्सपीरिएंसियल लर्निंग युवाओं को मोबाइल से नहीं मिल पाएगी। क्योंकि जो आप किताबों से सीखते हैं उसका प्रैक्टिकल करने की जरूरत होती है।
किसी भी क्षेत्र में कॅरिअर बनाने से पहले उसके सिस्टम को समझना जरूरी
उन्होंने युवाओं को इंटरव्यू के लिये जाते समय बेहतर तैयारी करके जाने पर जोर दिया। चौधरी ने कहा कि आजकल युवा जो कॉलेज से निकलकर आ रहे हैं वह किताबी नॉलेज के साथ आ रहे हैं प्रैक्टिकल नॉलेज नहीं है। काम कैसे करना है उन्हें नहीं पता है। कॅरिअर में आगे क्या करना है इसका जवाब नहीं दे पाते। तो युवाओं को जीवन में पहले एक लक्ष्य बनाना चाहिए। उससे जुड़ी सभी जानकारी हासिल करनी चाहिए। उस क्षेत्र में काम कैसे करते हैं इंटर्नशिप से ये सीखना चाहिए। क्योंकि जॉब शुरू होने के बाद आपका समर्पण और समय प्रबंधन ये दोनों चीजें बहुत जरूरी हैं। कई बार आपने देखा होगा कि कुछ लोग कई टास्क करते हैं। जैसे एक ही आदमी सोशल मीडिया मैनेजर है, मार्केटिंग मैनेजर है, एसईओ मैनेजर है और ई-मेल मार्केटर है। इस तरह की एक्सपर्टीज आप तभी हासिल कर सकते हैं जब आप एक बेहतर तरीके से पूरे सिस्टम को सीख सकते हैं। जिसके लिए आप अपने मैनेजर के पास जा सकते हैं वो आपको गाइड कर देंगे कि आपको आगे काम कैसे करना है। जब आपको लंबा अनुभव हो जाएगा तो आप भी बेहतर तरीके से वही टास्क कर सकेंगे जो आपके मैनेजर करते थे।
जीवन में नकारात्मता को हावी न होने दें
आपको हमेशा अपना दिमाग खुला रखना होगा। ताकि आप सीखना जारी रख सकें। साथ ही युवाओं को कभी भी नकारात्मका जीवन में लेकर नहीं आनी है। अगर कोई काम एक तरीके से नहीं हो रहा है तो हर काम को करने के कई तरीके हैं आप उन तरीकों का इस्तेमाल करें और समय पर काम खत्म करें। बिना किसी काम को किये आप ये नहीं कह सकते कि ये काम मैं नहीं कर पाउंगा।