रूस और यूक्रेन में युद्ध की आहट! कई देशों ने बंद किए कीव से अपने दूतावास, अब फ्लाइट भी हो रही बंद
रूस और यूक्रेन में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। युद्ध के मुहाने पर खड़े दोनों देश लगातार आमने-सामने आते दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका भी युद्ध की आशंका को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहा है। इस बीच कई देशों ने यूक्रेन से अपने दूतावासों के कर्मियों को वापस बुला लिया है। जापान ने भी अपने दूतावास कर्मियों और वहां मौजूद अपने नागरिकों को वापस बुलाने का आदेश दिया है।
जापान के दूतावास की तरफ से कहा गया है कि उसके अधिकतर कर्मचारियों ने यूक्रेन को छोड़ दिया है। जापान ने वहां मौजूद अपने सभी नागरिकों से कहा है कि वह हालात बिगड़ने से पहले स्वदेश वापस आ जाएं। इससे पहले आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने कहा था कि उसने अपने दूतावास का संचालन यूक्रेन में बंद कर दिया है। फिलहाल आस्ट्रेलिया ने अपने राजनयिकों को लवीव में अस्थाई कार्यालय में ट्रांसफर किया है।
आस्ट्रेलिया ने अपने दूतावास कर्मियों को कहा है कि वह वहां से प्रस्थान कर लवीव पहुंच जाएं। गौरतलब है कि आस्ट्रेलिया कीव में मौजूद अपने दूतावास को स्थाई रूप से बंद करने का आदेश पहले ही दे चुका है। इससे पहले कनाडा के विदेश मंत्री ने भी अपने दूतावास को यूक्रेन में निलंबित कर दिया था। कनाडा ने युद्ध के खतरे को देखते लवीव में एक अस्थाई कार्यालय बनाने की बात कही है। अमेरिका पहले ही अपने अधिकतर दूतावास कर्मियों और नागरिकों को यूक्रेन से वापस बुला चुका है।
बता दें कि अमेरिका बार-बार अपने नागरिकों से इस बात की अपील कर रहा है कि वह यूक्रेन से वापस आ जाएं। अमेरिका ने अपने कुछ कर्मियों को यूक्रेन की राजधानी की कीव से लवीव शहर में ट्रांसफर किया है। इस बीच ब्रिटेन ने भी कहा है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। वहीं, रूस का कहना है कि उसका यूक्रेन पर हमले का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, यूक्रेन को चारों तरफ से रूस ने घेर लिया है। बेलारूस, क्रीमिया समेत जार्जिया में उसके जवान तैनात हैं।
रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा पर अपने भारी हथियार और एस-400 मिसाइल को भी तैनात किया है। अमेरिका ने रूस को सख्त चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन पर हमला किया तो इसका परिणाम रूस को भुगतना होगा। इस संकट के बीच कई पश्चिमी देशों में अपनी यूक्रेन जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं या इन्हें परिवर्तित किया है। यूक्रेन ने अपनी एयरलाइंस कंपनियों को बेलारूस जाने से मना कर दिया है। वहां पर रूस में पहले से ही सैन्य अभ्यास कर रहा है।